ईंट-भट्टे के गहरे गड्ढे में डूबने से चार बच्चों की मौत हो गई। चारों की उम्र दो से सात साल के बीच है। एक घंटे बाद चारों को निकाला जा सका, तब तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी। नेशनल ब्रिक फील्ड भट्टा स्वामी रजब अली ने पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए चारों शवों को पांच किलोमीटर दूर ट्रैक्टर से भिजवाकर गंगा किनारे दबवा दिया। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर प्राथमिकी दर्ज की है
श्रमिक ठेकेदार फरार
भट्ठा स्वामी और शव ले जाने वाले ट्रैक्टर चालक को हिरासत में ले लिया है जबकि श्रमिक ठेकेदार फरार है। जमुई के लक्ष्मीपुर क्षेत्र के गांव मटिया पाड़ा के श्रमिक भट्ठे पर मजदूरी करने आए थे। चार बच्चे शुक्रवार सुबह भट्ठे की श्रमिक बस्ती से करीब आधा किलोमीटर दूर खेलने चले गए। वहां बरसात का पानी रोकने के लिए भट्ठा स्वामी ने गड्ढे खोदवा रखे थे।
भट्ठा स्वामी ने शव गंगा किनारे दबवा दिए
खेलते-खेलते बच्चे गड्ढे में डूब गए। काफी देर तक बच्चे जब घर नहीं पहुंचे, तो एक बच्चे का पिता तलाश करते हुए वहां पहुंचा। वहां गड्ढे में एक बच्चे का हाथ दिखाई दिया। उन्होंने बाहर निकाला, तो वह उन्हीं की बच्ची थी। भट्ठा स्वामी ने शव गंगा किनारे दबवा दिए और पुलिस को इलाज के लिए मेरठ ले जाने की जानकारी दी। किसी से जानकारी मिलने पर पुलिस ने गंगा किनारे शवों को गड्ढों से निकलवाया।
डीएम बीके त्रिपाठी, एसपी आदित्य लांग्हे ने मौके पर जाकर जांच की। डीएम ने बताया कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। बच्चों के स्वजन की ओर से ईंट भट्ठा स्वामी, ठेकेदार रवि माझी और ट्रैक्टर चालक नैनपाल के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की है।
एक-एक कर चारों बच्चों के शव गड्ढे से निकाले
चारों बच्चे काफी देर बाद तक नहीं लौटे तो स्वजन तलाशने में जुट गए। इसी बीच ढूंढते हुए मरने वालों में शामिल बालिका नेहा के पिता झगड़ू ईंट पातने वाले स्थान की तरफ पहुंचे तो यहां पर पानी के गड्ढे से एक हाथ निकलते हुए नजर आया। इसके बाद वह दौड़ते हुए पहुंचे और फिर हाथ उठाकर देखा तो पहला शव उसकी बेटी का ही निकला। इसके बाद एक-एक कर बाकी तीन बच्चों के शव भी बाहर निकाले।
एक साथ चार बच्चों के शवों को देखकर झगड़ू का कलेजा कांप उठा और फिर चीख-पुकार सुनकर अन्य स्वजन भी आ गए। आनन-फानन में बच्चों उठाकर ले गए लेकिन, उनकी मृत्यु मौके पर ही हो चुकी थी।