पिछले साल से तुलना करें तो बैटरी की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। आने वाले सालों में ये आंकड़ा और भी अधिक हो जाएगा जहां ईवी को सस्ती होने की उम्मीद है। इस सेगमेंट को सही तरह से डेवलप होने में कुछ साल लगेंगे।
इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट भारत में काफी नया है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई कीमतों के बाद इस सेगमेंट की डिमांड अचानक से काफी बढ़ गई। वहीं भारत सरकार के कई स्कीम के तहत इस सेगमेंट को बढ़ावा भी दिया है। आज के समय ईवी खरीददार की संख्या काफी तेजी से ग्रो हो रही है, वहीं बहुत से लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल महंगे होने के कारण इसको खरीद नहीं पा रहे है। ऐसे में बहुत से लोगों के मन में बहुत से कॉमन सवाल आ रहे हैं ' ईवी इतनी महंगी क्यों है?' इसकी बैटरी लाइफ कितनी है। इन्हीं सवालों का जवाब देने के लिए आपके सामने एक्सपर्ट की राय लेकर आए हैं।
इन वजहों से ईवी की कीमतें हैं महंगी
इलेक्ट्रिक व्हीकल की कीमत अधिक होने की वजह उसकी बैटरी है। किसी भी ईवी की कुल 50 फीसद कीमत उसमें लगी बैटरी का होता है। इसके अलावा, फार्स्ट चार्जिंग इंफ्रा को तैयार करने में भी अधिक लागत लगती है, जिसमें एसी और डीसी चार्जर दोनों शामिल हैं। ये दोनों ही ईवी के मेन कंपोनेंट हैं और इन्हीं की महंगी कीमतों की वजह से ईवी निर्माण में अधिक लागत लगती है, जिसकी वजह से ईवी की कीमतें ईंधन से चलने वाली वाहनों से अधिक होती हैं।
अगर बैटरी की लागत कम हो जाती है तो कुल ईवी की कीमत में जाहिर सी बात है गिरावट देखने को मिलेगी। पिछले साल से तुलना करें तो बैटरी की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। आने वाले सालों में ये आंकड़ा और भी अधिक हो जाएगा, जहां ईवी को सस्ती होने की उम्मीद है। इस सेगमेंट को सही तरह से डेवलप होने में कुछ साल लगेंगे।
एक बैटरी की लाइफ कितनी होती है?
इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी लाइफ कम से कम 7 साल की होती है। जैसे जैसे बैटरी की एज बढ़ती रहती है वैसे वैसे आप रेंज में कमी महसूस करेंगे। रिपोर्ट्स की मानें तो प्रत्येक वर्ष इसमें 5 से 10 फीसद तक की गिरावट देखी जा सकती है।
भारत सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी भी दे रही है। वहीं हाल ही दिनों में कई इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स ने अपनी व्हीकल की कीमतों में कटौती भी की है। जिसमें ओला, एथर और हीरो जैसे ईवी प्लेयर्स के नाम शामिल हैं।