उमेश पाल हत्याकांड के बाद से फरार शाइस्ता और जैनब अपने पति अतीक अहमद और अशरफ के शूटआउट के बाद भी पकड़ में नहीं आ रही हैं। माफिया भाइयों के मारे जाने के बाद एसओजी और एसटीएफ ने फरार शाइस्ता और उसकी देवरानी को पकड़ने के लिए पूरा जोर लगा रखा है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल रहा है।
रातभर चला पुलिस का सर्च आपरेशन
मंगलवार रात के बाद बुधवार को भी दिन में पुलिस के साथ एसओजी ने पूरामुफ्ती, धूमनगंज, पिपरी के कई गांव में सर्च आपरेशन चलाया। 24 फरवरी को हत्याकांड के बाद पुलिस ने शूटरों और शाइस्ता की तलाश शुरू की थी। जैनब और आयशा नूरी के साथ उनजिल नूरी को भी पकड़ा था, लेकिन तीन दिन पूछताछ के बाद छोड़ दिया था।
तब उन तीनों की शूटआउट में संलिप्तता नहीं मिली थी। पुलिस हिरासत में छूटने के बाद भी वे तीनों कई दिन तक सक्रिय रहीं। 26 मार्च और फिर 28 मार्च को बरेली तथा साबरमती जेल से माफिया भाइयों को प्रयागराज लाने व वापसी में कार से पीछे लगी रहीं। जब पुलिस को जैनब तथा आयशा के खिलाफ भी शूटरों को मदद करने के साक्ष्य मिले तो वे भी फरार हो गईं।
शाइस्ता समेत 5 महिलाएं हैं फरार
अब शाइस्ता समेत पांच महिलाएं पुलिस की गिरफ्त में आने से बचती फिर रही हैं। शाइस्ता के अलावा बाकी चार हैं जैनब, आयशा नूरी और उसकी दो बेटियां उनजिल व मंतशा। ये महिलाएं यूपी पुलिस को चकमा देते हुए फरार हैं। बाकी का तो पता नहीं लेकिन शाइस्ता को पकड़ने के लिए पुलिस और एसटीएफ लगातार प्रयागराज व कौशांबी के उन गांवों में छापेमारी कर रही है।
जहां अतीक अहमद की रिश्तेदारी है। हटवा, असरौली, मरियाडीह, उमरी, कसारी-मसारी इलाके में घर-घर पुलिस ने खंगाल डाला है। मंगलवार रात पुलिस ने गांव की घेराबंदी कर तलाशी ली। महिला पुलिस को भी खोजबीन में लगाया गया था लेकिन नतीजा रहा शून्य। न शाइस्ता मिली और न उसकी लोकेशन पता चली। बस, पुलिस अपने अनुमान और सूचनाओं पर जगह-जगह दबिश दे रही है।