नई दिल्ल, बिजनेस डेस्क: देश में तेजी से बढ़ते ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्स लग सकता है। धीरे-धीरे देश में ऑनलाइन गेमिंग एक व्यवसाय बनता जा रहा है। आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरियाई गेमिंग कंपनी क्राफ्टन के एक सवाल के जवाब में कहा कि जीएसटी परिषद ऑनलाइन गेमिंग के लिए टैक्सेशन पॉलिसी पर विचार कर रही है।

Sponsored

महावीर कुल्फी सेन्टर - बूंदी

महावीर कुल्फी सेन्टर की और से बूंदी वासियों को दीपावली की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं

साउथ कोरिया के सियोल में भारतीय प्रवासीयों को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इस पॉलिसी के अंतिम रूप दिए जाने के बाद निवेशकों को यह क्षेत्र निवेश के लिए आकर्षित करेगा। सितारमण ने कहा कि टैक्सेशन और रेगुलेशन सहित ऑनलाइन गेमिंग के विभिन्न पहलुओं पर जीएसटी परिषद में मंत्री स्तर पर चर्चा चल रही है।

अगले दो सालों में 29 हजार करोड़ का होगा गेमिंग मार्केट

भारत में कोरोना के लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन गेमिंग में तेजी से वृद्धि देखी गई है और इसके यूजर्स काफी तेजी से बढ़े हैं। केपीएमजी की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र 2024-25 तक बढ़कर 29,000 करोड़ रुपये हो जाएगा। आपको बता दें की साल 2021 में यह सेक्टर 13,600 करोड़ रुपये का था।

टैक्सेशन पर इसी महीने हो सकता है फैसला

गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) परिषद की अगली बैठक इसी महीने मई में या अगले महीने जून में होने की संभावना है जहां ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्सेशन का अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। पिछले महीने, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र के लिए नियमों को अधिसूचित किया था।

नियमों के मुताबिक ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर सेल्फ रेगुलेशन मॉडल को फोलो करेगा जो शुरू में तीन सेल्फ रेगुलेटरी आर्गेनाइजेशन (एसआरओ) को सूचित करेगा जो उन खेलों को मंजूरी देंगे जो देश में संचालित हो सकते हैं।