Karnataka Vidhansabha Election 2023 कर्नाटक में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव करीब आ रहे हैं, वैसे-वैसे भाजपा और कांग्रेस के प्रचार अभियान में तल्खी बढ़ती जा रही है। प्रमुख लिंगायत नेताओं के पार्टी से जाने के बाद से आलोचना झेल रही भाजपा के लिए कांग्रेस ने खुद ही संजीवनी दे दी है।

नेताओं के बोल से फंसी कांग्रेस 

अपने नेताओं की हालिया टिप्पणियों के कारण कांग्रेस अब बैकफुट पर आ गई है। कांग्रेस नेताओं द्वारा लिंगायत मुख्यमंत्रियों को 'भ्रष्ट' बताने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना एक 'जहरीले सांप' से करने से भाजपा को कर्नाटक चुनाव में मुकाबला करने के लिए बहुत जरूरी हथियार मिल गया है।

लिंगायत वोटों पर फिर पैठ बनाती दिख रही भाजपा

कांग्रेस ने दो प्रमुख लिंगायत (Lingayat community votes) नेता पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार और पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी को पार्टी में शामिल करने के बाद भाजपा पर कई वार किए और कहा कि वे इस समुदाय के हितैशी नहीं हैं। हालांकि, सिद्धारमैया और एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा की गई टिप्पणियों पर कांग्रेस खुद ही बैकफुट पर है। 

एक समय में बड़े नेताओं के जाने से कर्नाटक विधानसभा की 25 से ज्यादा सीटों का फैसला करने वाले लिंगायत समुदाय के वोट  भाजपा को कम पड़ते दिख रहे थे। लेकिन अब भाजपा एक बार फिर अटैकिंग मोड में दिख रही है।

सिद्धारमैया-खरगे के बयान से घिरी कांग्रेस

उधर, भाजपा लंबे समय से सिद्धारमैया पर हमला करने की प्रतीक्षा कर रही थी क्योंकि वह आरएसएस और हिंदुत्व के जाने माने आलोचक हैं। सिद्धारमैया के इस बयान पर भाजपा अब लगातार हमले कर रही है।

वहीं, खरगे ने पीएम मोदी की तुलना एक जहरीले सांप से करने की अपनी टिप्पणी से सभी को चौंका दिया। हालांकि, उन्होंने बाद में अपना बयान वापस ले लिया और कहा कि यह आरएसएस के एजेंडे के संदर्भ में कहा गया था। इस बयान का भी कांग्रेस को नुकसान हो सकता है।