दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज के एक पूर्व प्रोफेसर ने सीलिंग फैन से लटककर खुदकुशी कर ली। इसके पीछे की मुख्य वजह, उनका डिप्रेशन में होना बताया जा रहा है। उनके अपार्टमेंट से काफी शराब की बोतलें और सिगरेट के बॉक्स मिले हैं।मृतक समरवीर हिन्दू कॉलेज में बतौर एड-हॉक प्रोफेसर पढ़ाते थे। उन्हें फरवरी में ही नौकरी से हटाया गया था। मूल रूप से वे राजस्थान के बारां जिले के रहने वाले थे। दिल्ली में वे अपने भाई के साथ पीतमपुरा में किराए के एक फ्लैट में रहते थे

खुदकुशी के बाद अब इस मामले में आयसा संगठन सामने आया है। इस संगठन का कहना है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के कई प्रोफेसर का डिस्प्लेसमेंट किया गया है। यही कारण है कि प्रोफेसर समरवीर डिप्रेशन का शिकार हुए। इसे लेकर आयसा संगठन की तरफ से हिंदू कॉलेज के बाहर प्रदर्शन भी किया गया है।

अक्टूबर में डूटा की तरफ से शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

इससे पहले अक्टूबर में दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्ष संघ की (DUTA) की तरफ से धरना प्रदर्शन करने की भी बात सामने आई थी। इस दौरान DUTA के अध्यक्ष प्रोफेसर एके बागी की ओर से बयान सामने आया था। उन्होंने कहा था कि DUTA लगातार कॉलेजों में कार्यरत एड-हॉक शिक्षकों को निकाले जाने का विरोध कर रही है। उन्होंने बताया था कि एडहॉक शिक्षकों का विस्थापन DUTA में दिए गए प्रस्ताव का उल्लंघन है

कौन होते हैं एड-हॉक शिक्षक?

एड-हॉक शब्द अनौपचारिक के लिए इस्तेमाल किया जाता है। एड-हॉक शिक्षकों को एक निश्चित समय के लिए भर्ती किया जाता है व स्थायी रूप से काम कर रहे शिक्षकों को कम सैलरी दी जाती है। इन शिक्षकों को टेम्परेरी या फिर कान्ट्रेक्ट गेस्ट फेकल्टी भी कहा जाता है। इन शिक्षकों से रिसर्च की जिम्मेदारियां भी पूरी करने के लिए कहा जाता है। एड-हॉक शिक्षकों की भर्ती आमतौर पर उन स्थितियों में होती है, जहां रेगुलर फैकल्टी कम होती 

शिक्षकों के क्या हैं आरोप?

दरअसल शिक्षकों का आरोप है कि दिल्ली विश्वविद्यालयों में काफी समय से पढ़ा रहे एड-हॉक शिक्षकों को परमानेंट नियुक्ति के नाम पर बाहर किया जा रहा है। वहीं कई शिक्षकों का ये भी कहना था कि पिछले बीस साल से पढ़ा रहे शिक्षकों को दो मिनट के इंटरव्यू के बाद नौकरी से निकाल दिया गया।