करमाटांड़ के भोक्ता पूजा में बुधवार को जहरीला चाट खा लेने से हुचुकटांड़ गांव के रहने वाले कई लोगों की तबीयत बिगड़ गई। इसके चलते उन्हें शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) में भर्ती कराना पड़ा था। गुरुवार को जागरण की टीम एसएनएमएमसीएच पहुंच बादल रवानी नामक व्यक्ति के परिवार के 12 सदस्यों से मिले, जो अस्पताल में भर्ती हैं। उन्होंने बताया कि इसमें कुछ मेहमान भी थे जो भोक्ता पूजा देखने आए थे। वहीं तीन-चार बच्चे भी इसमें शामिल थे। हालांकि, सबकी तबीयत अब ठीक हो गई है। देर शाम तक सबको अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई।
बेहोशी की हालत में पहुंचे लोग
बादल रवानी ने बताया कि सिर्फ उनके परिवार के ही लोग नहीं, बल्कि बाकी लोग भी बेहोशी की हालत में अस्पताल पहुंचे थे। कुछ को बाइक से तो कुछ को गाड़ियों से अस्पताल लाया गया था। बादल रवानी ने बताया कि चाट खाने के बाद जब सभी लोग घर पहुंचे। इसके आधे घंटे बाद सभी की उल्टी शुरू हो गई।
लाचार व्यवस्था, एक बेड पर दो-तीन मरीज
गुरुवार को जब एसएनएमएमसीएच अस्पताल में जागरण की टीम पहुंची, तो देखा कि फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए दो से तीन लोग एक ही बेड पर थे। ज्यादातर मरीजों को सर्जिकल वार्ड में रखा गया था। इसके अलावा बच्चा वार्ड और इमरजेंसी वार्ड में भी मरीजों को भर्ती किया गया था।
बता दें कि एसएनएमएमसीएच जिले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है, लेकिन यहां अचानक से आने वाले मरीजों के लिए बेड की व्यवस्था भी नहीं है। जबकि जिला व अस्पताल प्रशासन लगातार दावे कर रहा है कि उनके पास कोरोना बढ़ने पर डेढ़ हजार मरीजों को रखने की व्यवस्था है।
141 लोग पहुंचे थे अस्पताल
फूड प्वाइजनिंग की वजह से करमाटांड़ के 141 लोग एसएनएमएमसीएच अस्पताल पहुंचे थे। इसमें 138 मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। वहीं हुचुकटांड़ की रहने वाली महिला पुष्पा देवी, नीलम कुमारी और मालती देवी को अभी अस्पताल में रखा गया है। इन्हें बुखार आ गया है। वहीं गुरुवार को मेडिकल टीम बलियापुर भी गई थी। वहां मरीजों को ओआरएस का घोल व दवा दिया गया है।
20 रुपये के चाट ने पहुंचाया अस्पताल
दोपहर से लोगों की भीड़ भोक्ता मेला परिसर में जुटने लगी थी। चार्ट का रंग काफी अच्छा था। खुशबू काफी अच्छी थी, लेकिन किसे पता था कि इसे खाने के बाद सीधा अस्पताल पहुंच जाएंगे। शिवानी महतो नामक एक महिला ने कहा, आज के बाद चाट नहीं खाऊंगी। रात में ऐसा लग रहा था कि बचना मुश्किल है। हालत खराब हो गई थी। आज तबीयत में सुधार है। खाने का कुछ मन नहीं कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि चाट का दाम 20 रुपये था। मां को कहा तो उन्होंने खिला दिया। क्या पता था कि अस्पताल की खटिया पकड़नी पड़ेगी। मां भी बीमार हुई है। संध्या कुमारी का कहना है कि चाट खाने के बाद पेट में दर्द हुआ, इसके बाद उल्टी हुई और मैं बेहोश हो गई। आंख खुली तो अस्पताल में भर्ती थी। काफी दर्द महसूस हुआ। अभी ठीक लग रहा है।