Heat Wave in India देश के तमाम राज्यों में इस बार भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है। कई राज्यों में तो पारा अभी से 40 डिग्री के पार जा पहुंचा है। इन राज्यों के हीट वेव की चपेट में आने की आशंका है।इसको लेकर मौसम विभाग ने भी अलर्ट जारी कर कहा है कि उत्तर-पश्चिमी भारत के कई और राज्यों में जल्द ही हीट वेव चल सकती हैं। 

उत्तर भारत में कई जगह चलेगी हीट वेव

मौसम विभाग के अनुसार, बिहार (Bihar Weather Update), पश्चिम बंगाल और ओडिशा में अभी से हीट वेव चालू हो गई है। वहीं, यूपी (UP Weather Update), पंजाब, हरियाणा, सिक्किम और आंध्र प्रदेश सहित कई राज्यों में हीट वेव जल्द शुरू हो सकती हैं। इसके साथ ही इन राज्यों में पारा 40 डिग्री के पार जाते ही भीषण गर्मी पड़ने वाली है। भीषण गर्मी के चलते विभाग ने एडवाइजरी भी जारी कर दी है और कई राज्यों ने स्कूल भी बंद कर दिए हैं।

कई स्कूल किए गए बंद

लू की संभावना के चलते देश के कई राज्यों में स्कलू भी बंद करने का एलान किया गया है। ओडिशा, त्रिपुरा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार और मेघालय में स्कूल बंद करने की घोषणा की गई है। इन राज्यों में पारा 40 डिग्री पर पहुंच गया है।

हीट वेव क्या है?

  • हीट वेव को भारत में लू भी कहा जाता है। लू उन जगहों पर चलती है, जहां का तापमान सामान्य से कहीं अधिक होता है।
  • दरअसल, एक इलाके में उच्च वायुमंडलीय दबाव के कारण उपरी हवाएं नीचे आकर घुमती हैं और संकुचन होता है। इससे तापमान बढ़ता है और हीट वेव या लू पैदा होती है। भारत में 5 दिनों या उससे अधिक जब ये हवाएं चलती हैं तो इसे लू चलना कहा जाता है।
  • दूसरी ओर किसी भी मैदानी इलाकों में जब अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा, तटीय इलाकों में 37 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी इलाकों में 30 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो तो, इस स्थिति को हीट वेव कहा जाता है। 

अर्थव्यवस्था और कृषि क्षेत्र पर पड़ेगा असर

हीट वेव से सूखा और खराब मानसून सीजन देखने को मिल सकता है। सूखे के चलते उत्पादन में कमी आ सकती है और इससे लोगों को नुकसान हो सकता है। खेती-किसानी में लगे लोगों बड़ा घाटा झेलना पड़ सकता है।

उत्पादन घटने के चलते वैश्विक खाद्य बाजार पर इसका असर दिख सकता है, ऐसा इसलिए, क्योंकि भारत गेहूं का एक बड़ा उत्पादक है।

ये सावधानियां बरतें

हीट वेव से बचने के लिए मौसम विभाग ने समय-समय पर कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। लोगों को अधिक तापमान के समय घर पर रहने का सुझाव दिया गया है। लू चलने के दौरान लोगों के डिहाइड्रेट (पानी की कमी) होने का भी खतरा होता है। इसके चलते लोगों को ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लेने को कहा जाता है।