नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सरकार की ओर से इस महीने के शुरुआत से गोल्ड ज्वेलरी पर हॉलमार्क लगाना अनिवार्य कर दिया है। अगर कोई ज्वेलर बिना हॉलमार्क के ज्वेलरी बेचता है तो ये एक दंडनीय अपराध है। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) द्वारा इस हॉलमार्क को जारी किया जाता है।

हॉलमार्क को अनिवार्य करने के पीछे सरकार का उद्देश्य ग्राहकों को धोखाधड़ी और जालसाजी से बचाना है। हॉलमार्क के तीन भाग होते हैं, जिसमें पहला भाग इसे जारी करने वाली संस्था बीआईएस का लोगो होता है। दूसरा भाग के रूप इसकी शुद्धता का प्रमाण होता है, जैसे 22 कैरेट और 18 कैरेट। तीसरे भाग में HUID कोड अंकित होता है।

क्या होता है HUID नंबर?

HUID का पूरा नाम हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन है। यह एक छह अंक का अल्फान्यूमेरिक कोड होता है, जो कि अक्षरों और अंकों से मिलकर बना होता है। यह हर ज्वेलरी पर अलग होता है।

ज्वेलरी की शुद्धता पता करने का प्रोसेस

HUID से ज्वेलरी को ट्रेस करना आसान हो जाता है, क्योंकि बीआईसी के पास इसकी सारी जानकारी होती है। आप आसानी से बीआईएस केयर ऐप पर वेरीफाई HUID से ज्वेलरी की जानकारी ले सकते हैं। ये ऐप गूगल स्टोर पर उपलब्ध है और इस पर हिंदी और अंग्रेजी भाषा में आप जानकारी ले सकते हैं।

कैसे चेक कर सकते हैं अपने पुरानी ज्वेलरी की शुद्धता

आप किसी भी बीआईएस-मान्यता प्राप्त एसेइंग एंड हॉलमार्किंग केंद्र में सोने की ज्वेलरी की शुद्धता की जांच कर सकते हैं। इसके लिए आपको 200 रुपये का शुल्क देना होगा। हालांकि, कोई उपभोक्ता अपने सोने के आभूषणों पर हॉलमार्क प्राप्त करने के लिए एसेइंग एंड हॉलमार्किंग सेंटर में आवेदन नहीं कर सकता है। यह केवल बीआईएस-पंजीकृत ज्वेलर्स के माध्यम से किया जाता है।