अतीक अहमद (Atique Ahemd) के बेटे असद (Asad) की कहानी किसी हिंदी फिल्म के विलेन से कम नहीं है. असद बचपन से ही बेहद गुस्सैल स्वभाव का था. बात-बात पर मारपीट करने लगता था. इतना ही नहीं असद के टीचर भी उससे डरते थे.

Asad Criminal History: ये पहला मौका है जब अतीक अहमद (Atique Ahemd) के परिवार का कोई सदस्य एनकाउंटर (Encounter) में मारा गया है. इस मुठभेड़ के बाद माफिया अतीक अहमद का आत्मविश्वास टूट चुका है. लेकिन पहले आप उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder Case) के आरोपी और अतीक अहमद के बेटे असद (Asad) की कहानी जरूर जान लीजिए. कैसे पढ़ाई-लिखाई में तेज लड़का जुर्म की दुनिया में मजबूती से अपने पांव पर खड़ा हो गया. माफिया अतीक अहमद बेटे की मौत के बाद अपनी भावनाओं पर संतुलन खो चुका है. वो अपने बेटे की मौत के लिए खुद को जिम्मेदार बताता रहा है. अपने सबसे चहेते बेटा असद की मौत पर माफिया डॉन अतीक अहमद फूट-फूटकर रोया और इसके लिए खुद को जिम्मेदार बताया. लेकिन कहावत है कि बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय.

फिल्मी विलेन से कम नहीं था असद!

21 साल की उम्र में पुलिस से 49 दिनों तक भागने वाले असद की कहानी किसी फिल्मी विलेन से कम नहीं थी. बाहुबली अतीक अहमद के सभी 5 बेटे लखनऊ के एक नामी स्कूल में पढ़ते थे. असद पढ़ने में अव्वल तो था, लेकिन स्कूल के दिनों से ही उसका तौर तरीका सामान्य बच्चों से अलग दिखने लगा था. साल 2016 का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. जिसमें एक समारोह में अतीक का बेटा असद गोली चला रहा है और चाचा अशरफ उसे फायरिंग की ट्रेनिंग दे रहा है. इसे देखकर आपको समझ में आ जाएगा कि असद एक ऐसे परिवार में पला बढ़ा जहां फायरिंग पर परिवार की ओर से शाबाशी मिलती थी.

बचपन से ही बेहद गुस्सैल था असद

असद के एनकाउंटर के बाद उससे जुड़ी कहानियां सामने आ रही हैं. असद के बारे में कहा जाता है कि वो बचपन से ही बेहद गुस्सैल था. उसके जानने वाले बताते हैं कि वो बात-बात पर मारपीट पर आमादा हो जाता था. पढ़ाई के दौरान उसने कई बार मारपीट की. उसे पढ़ाने वाले टीचर तक उससे डरते थे. पढ़ाई में अच्छा होने के बावजूद असद का पढ़ने-लिखने से नाता छूटता चला गया.

असद ने कैसे संभाली गैंग की कमान?

लेकिन असद के जुर्म की असली कहानी 2018 से शुरू हुई. 2018 में अतीक का सबसे बड़ा बेटा उमर सुर्खियों में आया था. उस समय उमर पर लखनऊ में एक प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल के अपहरण का आरोप लगा. अतीक के दूसरे नंबर के बेटे अली के खिलाफ भी हत्या के प्रयास और जबरन वसूली के मामले दर्ज हुए. जांच एजेंसियों ने दोनों भाइयों पर इनाम घोषित किया था. दोनों भाइयों ने एनकाउंटर के डर से आत्मसमर्पण कर दिया था. बताया जाता है कि दोनों भाइयों के सरेंडर करने के बाद असद ने गिरोह की बागडोर संभाल ली और जुर्म की दुनिया में अपना पांव जमा लिया.

धड़ाधड़ गोलियां बरसाता दिखा असद!

उमेश पाल हत्याकांड के बाद सामने आए सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि सफेद क्रेटा कार से एक युवा तेजी से निकलता है और उमेश पाल पर धड़ाधड़ गोली चलाना शुरू कर देता है. गोली चलाता हुआ ये शख्स असद ही था. खास बात ये भी है कि असद पर पहले से कोई भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं था. 24 फरवरी को प्रयागराज की सड़क पर उमेश पाल की दिनदहाड़े हत्या के बाद असद अहमद यूपी का मॉस्ट वांटेड क्रिमिनल बन गया. असद आधा दर्जन शूटरों की अगुवाई कर रहा था.

असद के लिए अतीक अहमद ने सपने बुन रखे थे. कहा जाता है कि मेरठ के जिस घर में असद को पनाह मिली, उसी घर की बेटी से असद का निकाह होने वाला था. पर उमेश पाल हत्याकांड में नाम आने के बाद असद अब मिट्टी में मिल चुका है. लेकिन अतीक अहमद ने कभी ये न सोचा कि दूसरों के लिए गड्ढा खोदने वाला एक दिन खुद अपनी करनी पर पछताएगा और चाह कर भी कुछ नहीं बदल पाएगा.