नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के दौरान राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म किए जाने के बाद भाजपा के खिलाफ व्यापक विपक्षी एकता की जरूरत पर बनी सैद्धांतिक सहमति को हकीकत में बदलने की कसरत कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने शुरू कर दी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस सिलसिले में विपक्ष के दिग्गज नेताओं की बैठक बुलाने की पहल करते हुए आपसी मंत्रणा का दौर शुरू कर दिया है।

विपक्षी दलों के नेताओं को खरगे कर रहे बातचीत

इस क्रम में खरगे ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के साथ शिवसेना उद्धव के सुप्रीमो उद्धव ठाकरे से बात की है। विपक्षी खेमे के शीर्षस्थ नेताओं से शुरू की गई चर्चा के इस क्रम को जारी रखते हुए खरगे शीघ्र ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत सभी विपक्षी दलों के नेताओं से बातचीत करेंगे।

कांग्रेस के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार मल्लिकार्जुन खरगे ने नीतीश कुमार, स्टालिन और उद्धव ठाकरे से विपक्षी एकता को आगे बढ़ाने के मसले पर चर्चा के लिए भाजपा के खिलाफ खड़े सभी दलों के शीर्ष नेताओं की बैठक बुलाए जाने का प्रस्ताव दिया है।

विपक्ष के शीर्षस्थ नेताओं की बैठक बुलाने की पहल कर रहे खरगे

राहुल की लोकसभा सदस्यता खत्म किए जाने के बाद खरगे के नेतृत्व में संसद में हुई विपक्षी दलों की पहली बैठक में ही भाजपा के खिलाफ व्यापक राजनीतिक मोर्चेबंदी को आगे बढ़ाने की जरूरत पर सैद्धांतिक सहमति बन गई थी।

जाहिर तौर पर खरगे अब इस एकजुटता की रूपरेखा और दशा-दिशा पर चर्चा के लिए विपक्ष के शीर्षस्थ नेताओं की बैठक बुलाने की पहल कर रहे हैं और जल्द ही ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, शरद पवार, तेजस्वी यादव, हेमंत सोरेन, सीताराम येचुरी, डी राजा, फारूख अब्दुल्ला सरीखे नेताओं से संपर्क करेंगे।