इस्टेट बैंक सलेहा का तानाशाह रवैया लाड़ली बैहनाओ को बैंक के बाहर रोज धूप में करते हैं खड़ा
पटौदी इंटरप्राइजेज एवं अलगोजा रिसोर्ट - बूंदी
पटौदी इंटरप्राइजेज एवं अलगोजा रिसोर्ट कीऔर से बूंदी वासियों को दीपावली की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं
सलेहा :मध्यप्रदेश में चलाई जा रही लाडली बहैना योजना का लाभ पाने के लिये नियमा अनुसार खाताधारक को अपने बैंक में केवाईसी कराना पड़ता है
इसी के तहत क्षेत्र की महिलाये सलेहा भारतीय इस्टेट बैक में अपने खाते की केवाईसी करवाने काभी संख्या में महिलाएं पहुंच रहीं हैं 'महिलाएं छोटे छोटे बच्चे लिये पहुंच रहीं हैं। सलेहा बैंक कर्मचारियों की लचार ब्यावस्था मनमानी रवैया के कारण महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़रहा है। भारतीय इस्टेट बैंक सलेहा अच्छी सुविधा युक्त नये भवन में शिफ्ट किया गया है। बैंक के हाल में एअर कंडीशन व लगभग सैकडो खाता धारकों को बैठने की ब्यावस्था है मगर बैक कर्मचारियों के तानाशाह रबैया के कारण छोटे छोटे बच्चों को गोद में लिये महिलाएं बीमार लचार शारीरिक कमजोर से महिलाये तप तपाती धप गर्मी में बैंक गेट के बाहर धूप में खड़ी रहती है।न महिलाओं को छाया की ब्यावस्था है न पानी पीने की वहीं सलेहा इस्टे बैंक कर्मचारी कछुआ की चाल से काम करते नजर आये। व बैंक कर्मचारियों से जब बैंक शाखा के गा्हक हाल में महिलाओं को बैठाने की बात पूछी गई तो बैंक कर्मचारियों व बैंक सुरक्षाकर्मियों ने महिलाओं को अपमानित भाषा। में कहा की महिलाएं बैंक के अन्दर शोर मचाती है व छोटे नन्हे बच्चे रोते है। वहीं महिलाओं से बात की गयी तो बताया बैंक के अन्दर बारी बारी से बुलाते हैं नेता रसूक दारो के कहने पर कुछ लोगो का जल्दी बैंक कर्मचारी काम कर देते है उन्हें बैंक के अन्दर एअर कंडीशन में बैठाते हैं हम साधारण महिलाओं को दो दो दिन बैंक वाले भटकाते है व बैंक के बाहर धूप में खड़े रहना पड़ता है । धूप में खड़ी महिलाओं ने बताया की डेली एक दो महिलाओं को कड़ी धूप पानी न मिलने कारण चक्कर आ जाते हैं व छोटे बच्चे घर जाकर बीमारी हो जाते हैं। बैंक कर्मचारी अन्दर चाय पीने में मस्त रहते हैं जो महिलाएं पढ़ी लिखी नही है कई दिनों तक बैंक के चक्कर लगा रहीं हैं बैंक कर्मचारी तानाशाह रवैया कर एंअर कंडीशन में अराम फरमा ते कछुआ चाल से काम कर रहे हैं
प्रशासन को बैंक कर्मचारियों के उपर कार्यवाही कर महिलाओं के लिये टेन्ट लगाकर छाया पानी ब्यावस्था बनानी चाहिये श्रेत्र के जन प्रतिनिधियों को भी बैंक में हो रही महिलाओं की समस्या नजर नहीं आ रही है शासन द्वारा अनेकों पार्टी के कार्यक्रमों में पानी की तरह रू खर्च किए जा रहे हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी अपने उद्बोधन मे महिलाओं की सुरक्षा सुविधाओं की बात करते हैं मगर धूप में खड़ी बैंकों की लाइनों में लगी महिलाओं के लिए शासन प्रशासन से कोई सुविधाएं नजर नहीं आ रहीं है न जिले के जनप्रतिनिधियों का इस तरफ ध्यान है बैंकों के बाहर धूप में खड़ी लाड़ली बैहनाए कितनी परेशानी से गुजर रहीं हैं इस तरफ शासन प्रशासन ध्यान दें तनाशाही कर रहे बैंक कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाये