अगर आप सोना खरीदने जा रहे हैं या निकट भविष्य में आपका ऐसा कोई प्लान है तो आज का दिन आपके लिए खास है। इसकी वजह ये है कि ओपेक प्लस देशों द्वारा क्रूड में कटौती की घोषणा के बाद सोने की कीमतों में जबरदस्त बिकवाली देखी गई।

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर अप्रैल 2023 के लिए सोने का वायदा अनुबंध सोमवार को कम खुला और घरेलू बाजार में 59,060 प्रति 10 ग्राम के निचले स्तर पर चला गया। अंतरराष्ट्रीय हाजिर बाजार में सोने की कीमत 0.90 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,950 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर पहुंच गई।

सोने की कीमत में गिरावट का क्या है असर

सर्राफा बाजार के जानकारों के मुताबिक, सोना और चांदी अपने समर्थन स्तर के करीब हैं। मुंबई सर्राफा बाजार में सोने का थोक कारोबार करने वाले मयंक दासगुप्ता गिरावट पर खरीदारी जारी रखने की सलाह देते हैं। उन्होंने कहा कि सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट का यह ट्रेंड जारी रह सकता है, बशर्ते कच्चे तेल और डॉलर की कीमतों पर नियंत्रण बना रहे।

उन्होंने कहा कि ओपेक प्लस देशों द्वारा आश्चर्यजनक रूप से तेल उत्पादन में कटौती की घोषणा से मुद्रास्फीति पर चिंता बढ़ गई है और इससे सोने की कीमतों को समर्थन मिलेगा। मुद्रास्फीति की चिंता में वृद्धि के कारण, यदि कच्चे तेल की कीमत 80 से 90 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में बनी रहती है तो आर्थिक मंदी की अटकलों को बल मिल सकता है।

आगे क्या होगा ट्रेंड

अमेरिकी डॉलर नरमी और डॉलर इंडेक्स के मनोवैज्ञानिक 102 के स्तर पर पहुंचने के कारण आज सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट आई है। यदि WTI कच्चा तेल 80 डॉलर से 90 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में बना रहता है तो यह दुनियाभर के अधिकांश देशों के चालू खाता घाटे (CAD) को बढ़ा देगा, जिससे मंदी की अटकलों को बल मिल जाएगा।