यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से दिल्ली के कई इलाकों में जलापूर्ति पर असर पड़ेगा। दिल्ली जल बोर्ड के दो संयंत्रों में पानी का उत्पादन गिरा गया है।

राजधानी में गर्मी शुरू होते ही पेयजल की समस्या होने लगी है। इसका मुख्य कारण पानी कमी नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश से गंग नहर और हरियाणा से यमुना नदी में दूषित पानी आना है। इसी कड़ी में यमुना नदी में मंगलवार को कचरा आने के कारण पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ गई। इस पानी को साफ करने में दिल्ली जल बोर्ड के दो संयंत्रों ने हाथ खड़े कर दिए। इस कारण इन संयंत्रों से जुड़े इलाके में पेयजल संकट पैदा हो गया है। दो दिन पहले गंग नहर में दूषित पानी आने के कारण जल बोर्ड के दो अन्य संयंत्रों में पानी का उत्पादन प्रभावित हो गया था।

दिल्ली जल बोर्ड के अनुसार यमुना नदी में उच्च स्तर के प्रदूषक (अमोनिया 5.0 पीपीएम से अधिक) हो गए है। इस कारण वजीराबाद व चंद्रावल जल शोधक संयंत्र पानी को पूरी तरह साफ नहीं कर पा रहे हैं। इस वजह से पानी के उत्पादन में 10-50 प्रतिशत की कटौती की गई है। जल बोर्ड का कहना है कि पानी में अमोनिया की मात्रा सामान्य नहीं होने तक दोनों संयंत्र पूरी क्षमता से नहीं चलेंगे। वहीं गंग नहर से जुड़े भगीरथी व सोनिया विहार जल शोधक संयंत्र भी पूरी क्षमता से नहीं चल रहे हैं।