दबे पांव भगे कांग्रेसी नेता, ग्रामीणों के कार्यक्रम में राजनीति चमकाने पहुँचे कांग्रेसियों का किया विरोध,

कहा कांग्रेस जिंदाबाद के नारे नही लगेंगे,

पन्ना-कलेक्ट्रेट में गांव की सड़क,पानी और बांध की समस्या लेकर आए ग्रामीणों ने कांग्रेस के कुछ नेताओं का विरोध कर दिया।क्योंकि ग्रामीण बड़ी संख्या में ज्ञापन देने आए थे।इसी दौरान कलेक्ट्रेट में मौजूद कुछ कांग्रेस के नेताओं के द्वारा ग्रामीणों के कार्यक्रम में शामिल होकर राजनीति चमकाने की कोशिश की गई।लेकिन ग्रामीण भड़क गए और मीडिया के सामने ही कांग्रेस के नेताओं को खरी खोटी सुना दी।जिसके बाद कांग्रेस के नेता दबे पांव धीरे से जनता की भीड़ से बाहर निकल गए।

जानकारी के अनुसार पन्ना जिले की गुनोर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम राजापुर और गुखोर के सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण अपने गांव में सड़क,पानी और बांध की समस्या को लेकर पन्ना कलेक्ट्रेट पहुँचे।जहाँ पहले से किसान कांग्रेस के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी के नेता और पदाधिकारी ओलावृष्टि और अति बारिश की बजह से फसलों में हुए नुकसान का किसानों को जल्द मुवावजा देने की मांग को लेकर आए।कांग्रेसियों के ज्ञापन के पीछे गुखोर और राजपुर के ग्रामीण अपना ज्ञापन देने आ रहे थे।जहां रास्ते मे ही कांग्रेस की जिलाध्यक्ष शारदा पाठक सहित कांग्रेस के कुछ नेता ग्रामीणों के कार्यक्रम में शामिल हो गए।और नारेबाजी करने लगे।हालांकि जिलाध्यक्ष ने रास्ते से ग्रामीण का साथ छोड़ दिया।लेकिन किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष शशिकांत दीक्षित और युवक कांग्रेस के पन्ना विधानसभा अध्यक्ष सौरव पटेरिया अपनी राजनीति चमकाने ज्ञापन दिलवाने पहुँच गए।इसी दौरान ग्रामीणों औऱ कांग्रेस के नेताओ में कहासुनी हो गई।जहां एक शख्स बोला कि गुनोर विधानसभा में कांग्रेस के विधायक है।जब उन्होंने कभी नही सूनी।हम ग्रामीणों ने कई बार उनसे अपनी समस्या बताई।ज्ञापन के दौरान गांव के एक शख्स ने किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष से कहा कि यहां कोई कांग्रेस जिंदाबाद नही कहेगा।यह हम ग्रामीणों का कार्यक्रम है।जिसके बाद दबे पांव धीरे से कांग्रेस के नेता भीड़ से बाहर चले गए।

ग्रामीणों ने कहा,रोड नही तो बोट नही"

वहीं ज्ञापन के बाद ग्रामीणों ने कहा कि गांव में वर्षों से सड़क नही है।बांध बनवाया गया।लेकिन उसमे लापरवाही की जा रही है।इसलिए जब गांव में पानी की समस्या का निदान और सड़क का निर्माण कार्य नही होगा।तब तक किसी भी चुनाव में ग्रामीण बोट नही करेंगे।ग्रामीणों ने सर्व सहमति से आगामी चुनावों में मतदान करने से बहिष्कार किया है।