बेंगलुरु/तुमकुरु, जद (एस) के विधायक एस आर श्रीनिवास (गुब्बी श्रीनिवास) ने सोमवार को कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष को एक विधायक के रूप में अपना इस्तीफा सौंप दिया और कहा कि वह जल्द ही कांग्रेस में शामिल होंगे। श्रीनिवास पर जून 2022 के राज्यसभा चुनाव में क्रॉस-वोटिंग का आरोप लगाया गया था। जद (एस) का दावा है कि इससे उसके उम्मीदवार डी कुपेंद्र रेड्डी की हार हुई थी। 

पिछले साल श्रीनिवास को किया गया था निष्कासित

पिछले साल जद (एस) ने श्रीनिवास को निष्कासित कर दिया था और उन्हें कोलार के एक अन्य विधायक के श्रीनिवास गौड़ा के साथ दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित करने के लिए एक याचिका भी दायर की थी।

''मैं कांग्रेस में शामिल होने की योजना बना रहा हूं'' 

श्रीनिवास ने कहा, "मेरा इस्तीफा (अध्यक्ष द्वारा) स्वीकार किए जाने के बाद मैं कांग्रेस में आधिकारिक रूप से शामिल होने के बारे में कांग्रेस नेताओं से चर्चा करूंगा... मैं 31 मार्च को आधिकारिक तौर पर कांग्रेस में शामिल होने की योजना बना रहा हूं। तालुक नेताओं के साथ चर्चा करने के बाद  मैं फैसला करूंगा।" 

''भारी मन और बहुत दर्द के साथ इस्तीफा दे रहा हूं''

श्रीनिवास ने कहा, "मैंने लगभग 20 वर्षों तक जद (एस) में (एच डी) देवेगौड़ा और (एच डी) कुमारस्वामी के नेतृत्व में काम किया था, आज मैं उस पार्टी के विधायक के रूप में भारी मन और बहुत दर्द के साथ इस्तीफा दे रहा हूं।देवेगौड़ा ने मुझे एक बेटे की तरह माना और मुझे काम करने के लिए प्रोत्साहित किया, मैं उनका तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं। कुमारस्वामी भी मुझे अपने छोटे भाई की तरह मानते थे, लेकिन पता नहीं किस वजह से उन्होंने मुझे पार्टी से निकाल दिया।"

''मेरे पास कोई विकल्प नहीं है''

श्रीनिवास ने कहा, "जद (एस) को छोड़कर आज मुझे बहुत दर्द हो रहा है, मेरे पास कोई विकल्प नहीं है। अक्टूबर, 2021 में कुमारस्वामी ने मेरी सीट से जद (एस) के उम्मीदवार की घोषणा की, जबकि मैं अभी भी पार्टी में था, उस दिन से दूरी हमारे बीच चौड़ी हो गई। उन्होंने मेरे खिलाफ कुछ झूठे आरोप भी लगाए थे, जैसे 2019 के लोकसभा चुनावों में तुमकुरु से देवेगौड़ा की हार के लिए मुझे जिम्मेदार ठहराना। मैंने इस तरह की पार्टी विरोधी गतिविधि कभी नहीं की थी और ईमानदारी से पार्टी की सेवा की थी।"

राज्यसभा चुनावों के दौरान क्रॉस वोटिंग का आरोप लगाकर कुछ 'भ्रामक झूठे आरोप' लगाकर उन्हें अनावश्यक रूप से पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था, इसका जिक्र करते हुए श्रीनिवास ने कहा, "मुझे नहीं पता कि कुमारस्वामी से किसने मेरे खिलाफ क्या कहा कि उन्होंने मेरे खिलाफ कार्रवाई करते हुए मुझे निष्कासित कर दिया।"