वारिस पंजाब दे संगठन का अध्यक्ष अमृतपाल सिंह अभी तक फरार चल रहा है। पुलिस उसे पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है। वह लगातार भेष बदल कर पुलिस से बचने की कोशिश कर रहा है। वहीं, अब फिर अमृतपाल सिंह और उसका साथी 18 मार्च की रात को करीबन 50 मिनट तक लुधियाना में रहा था। पुलिस ने शहर के कई सीसीटीवी कैमरे चेक किए हैं और उसकी वीडियो फुटेज सामने आई हैं।

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दो ऑटो बदलकर फिर हुआ फरार

अब तक की जांच में सामने आया है कि वह 9 बजकर 20 मिनट से लेकर 10 बजकर 10 मिनट तक लुधियाना में रहा है। पुलिस ने उन ऑटो चालकों को भी तलाश लिया है, जिसका ऑटो उसने इस्तेमाल किया था। पहले आटो को उसने हार्डी वर्ड से जालंधर बायपास तक 40 रुपए दिए थे। वहीं भगोड़े अमृतपाल ने दूसरे आटो को जालंधर रोड से शेरुपुर चौक तक एसपीएस अस्पताल तक 220 रुपए दिए थे।अमृतपाल और उसका साथी दोनों ही पेंट शर्ट में थे और शेरपुर से उसने बस ली थी। पुलिस के अनुसार अमृतपाल सिंह ने लाडोवाल का सदी पुराना रेलवे के ब्रिज का इस्तेमाल किया था। इसके बाद वह सड़क पर आया और वहां से उसने ऑटो में सफर किया था। हैरत की बात यह है कि शनिवार को पूरे पंजाब में अलर्ट था और वह जालंधर से लुधियाना में घुसा और यहां से फरार भी हो गया। उसने पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल किया। जबकि पुलिस प्राईवेट वाहनों को चेक करती रही थी। उसका इस तरह से शहर से बचकर निकल जाना कमिश्नरेट पुलिस के लिए बहुत बड़ा फेलियर कहा जा रहा है।

शहर के शेरपुर चौक से बिना परमिट की दर्जन के करीब बसें चलती हैं। जिनमें दिल्ली और इससे आगे जाने वाले यात्रि सफर करते हैं। यह बसें टूरिस्ट कंपनी की बसें हैं, जिन्हें एक जगह से बुक करवाकर एक बार रोड टैक्स देकर मात्र एक जगह से दूसरी जगह तक ले जाया जा सकता है। मगर यह बसें सभी तरह के कानून तोड़कर रास्तों से यात्रि चढ़ाती हैं। यही अवैध बसें अमृतपाल ही नहीं बल्कि दूसरे आरोपितों के लिए भी सहयोगी साबित होती हैं।