पन्ना – कार्यालय जिला लोक अभियोजन अधिकारी पन्ना के मीडिया प्रभारी/सहा.जिला लोक अभियोजन अधिकारी ऋषिकांत द्विवेदी के बताये अनुसार अभियोजन घटना संक्षेप में इस प्रकार है कि थाना देवेन्द्रनगर में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक मान सिंह बिसेन को जरिये मुखबिर सूचना प्राप्त हुयी कि जिला बदर का अभियुक्त मुरली उर्फ मुल्ली कुशवाहा वेयर हाउस बड़ागांव के पास कमल किशोर की मारपीट करने की फिराक में घूम रहा है। मुखबिर की उक्त सूचना से हमराह बल को अवगत कराया जाकर मौके पर जाकर देखा गया तो वहां एक व्यक्ति मोटरसाईकिल में बैठा हुआ था जो पुलिस को देखकर भागने लगा। उक्त व्यक्ति को हमराह बल की मदद से घेराबंदी कर नाम पता पूछने पर उसने अपना नाम मुरली उर्फ मुल्ली कुशवाहा निवासी बड़ागांव का होना बताया। अभियुक्त से सहमति उपरांत उसकी तलाशी लिये जाने पर उसके आधिपत्य से एक 315 बोर का कट्टा जिसमें एक कारतूस लगा था एवं पेंट की दाहिने जेब से एक 315 बोर का कारतूस जप्त किया गया। अभियुक्त से कट्टा एवं कारतूस रखने तथा जिले की सीमा में प्रवेश करने के संबंध में दस्तावेज पूछे जाने पर उसके द्वारा अपने पास कोई दस्तावेज या अनुमति नहीं होना बताया गया। मौके पर साक्षीगण के समक्ष कट्टा कारतूस एवं प्लेटिना मोटरसाईकिल को जप्त किया गया एवं अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। दौरान विवेचना घटनास्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया एवं साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किये गये। अभियुक्त के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। जप्तशुदा कट्टे एवं कारतूस का परीक्षण कराया गया एवं अभियोजन स्वीकृति प्राप्त कर प्रकरण में संलग्न की गयी। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

न्यायालय श्रीमान न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी पन्ना, जिला पन्ना के न्यायालय मे शासन की ओर से पैरवी करते हुए श्री मानवेन्द्र सिंह, सहा. जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा अभियोजन के साक्ष्य को क्रमबद्ध तरीके से लेखबद्ध कराया, न्यायालय के समक्ष आरोपी मुरली उर्फ मुल्ली कुशवाहा को संदेह से परे प्रमाणित किया तथा आरोपी का कृत्य गंभीरतम श्रेणी का होने के कारण कठोर से कठोरतम सजा दिये जाने का अनुरोध किया। अभिलेख पर आई साक्ष्य और अभियोजन के तर्को एवं न्यायिक दृष्टांतो से संतुष्ट होते हुए न्यायालय द्वारा आरोपी मुरली उर्फ मुल्ली कुशवाहा को धारा 25(1ख)(क) आयुध अधिनियम में 02 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1000 रूपए के अर्थदण्ड एवं मध्य प्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम, 1990 की धारा-5(क)(ख) की अवज्ञा पर धारा-14 में 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।