मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को विधानसभा के बजट सत्र से निलंबित कर दिया। पटवारी के खिलाफ सत्ता पक्ष की तरफ से विशेष अधिकार हनन लेकर प्रस्ताव लगाया गया था। इसमें सदन में बार-बार झूठ बोलने को लेकर निलंबन की कार्रवाई की मांग की गई थी। वहीं, अध्यक्ष की तरफ से की गई कार्रवाई से नाराज कांग्रेस सदस्यों ने सदन मे हंगामा शुरू कर दिया। वहीं, पटवारी ने आमरण अनशन पर बैठने का ऐलान किया है।
विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा शुरू हई। इसमें जीतू पटवारी ने चर्चा शुरू की। पटवारी ने अपने भाषण में कहा था कि प्रदेश से बाघ, शेर, घड़ियाल बाहर गए। बदले में छिपकली, बंदर, तोते लिए गए। इस पर सत्ता पक्ष की तरफ से ऐतराज जताया गया। सत्ता पक्ष की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मित्रा ने पटवारी पर सदन में बार-बार झूठने बोलने की बात कहकर निलंबन का प्रस्ताव रखा। मिश्रा ने पटवारी को सदन के पटल पर तथ्य रखने की बात रखते हुए कहा कि बताए कब छिपकली लाई गई। इस पर पटवारी की तरफ से पटल पर जवाब रखते हुए कहा कि हमें विधानसभा के जवाब में जानकारी उपलब्ध कराई गई। इस पर सत्तापक्ष जवाब और तथ्यों से संतुष्ट नहीं हुआ और अध्यक्ष से पटवारी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करने की मांग की। इसके बाद सदन में जमकर नोकझोंक हुई। पूरे मामले की बहस के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था दी।