मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने तीसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश कर रहे हैं। राजस्थान के सभी वर्ग के लोगों के लिए लोक लुभावन घोषणाएं तय हैं। ये बजट इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। सरकार ने बजट की थीम बचत, राहत और बढ़त रखी है। 

राजस्थान विधानसभा सदन में सीएम अशोक गहलोत अपने बजट भाषण के दौरान अचानक अटक गए। दरअसल सीएम गहलोत ने सुबह 11 बजे बजट भाषण पढ़ना शुरू किया। इस दौरान गहलोत खुद बजट पढ़ते पढ़ते अटक गए। मनरेगा की 125 दिन शहरी रोजगार गारंटी योजना की जानकारी बजट में आते ही गलती का ऐहसास हुआ कि सीएम ने पिछले बजट को पढ़ दिया है।

मंत्री महेश जोशी ने सीएम के पास जाकर यह गलती बताई। इसके बाद सीएम ने माफी भी मांगी कि गलती हो जाती है। लेकिन गहलोत भी चौंक गए कि बजट के पेपर में पुराने बजट के कागज कैसे आ गए।

अब माना जा रहा है कि बजट को लेकर किसी न किसी अधिकारी पर गाज गिराई जा सकती है। गलती कहां और कैसे हुई है, इसकी जांच की जा रही है। गहलोत ने कहा- प्रधानमंत्री के राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के चलते राजस्थान मै भी विपक्ष भी इस ताक में था कि बजट में हंगामा हो परंतु बजट सत्र में सरकार द्वारा ही चूक हुई जिसके चलते बजट सत्र हंगामे की भेट चढ़ गया है।

एक ब्लंडर से सीएम गहलोत के बजट पर फिरा पानी, चुनाव से पहले आखिरी बजट में अधिकारियों की बड़ी लापरवाही।

सदन के नेता मुख्यमंत्री की ओर से इतनी बड़ी गलती करवा दी गई कि पुरानी बजट घोषणा पढ़वा दी गई। इसे लेकर तमाम आशंकाओं पर जांच की जा रही है।