असल में मंगलवार की रात विदेशी मुद्रा कंपनियों ने कहा कि डॉलर की क़ीमत पर लगाया जाने वाला 'कैप' बुधवार से हटा दिया गया है.
ध्यान रहे कि पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में तेज़ी से आयी गिरावट के बाद, एक्सचेंज कंपनीज़ एसोसिएशन ऑफ़ पाकिस्तान की तरफ़ से डॉलर की क़ीमतों को स्थिर रखा गया था. जबकि सरकार भी इंटरबैंक रेट को स्थिर रख रही थी ताकि बाज़ार में अराजकता की स्थिति को नियंत्रित किया जा सके.
एक्सचेंज कंपनियों की तरफ़ से यह कहा गया है कि इसका उद्देश्य ब्लैक मार्केट, इंटरबैंक और ओपन मार्केट में मौजूद डॉलर की क़ीमतों के बीच अंतर को ख़त्म करना है.
मंगलवार की रात, पाकिस्तान के फ़ॉरेक्स एसोसिएशन के अध्यक्ष, मलिक बोस्तान ने घोषणा की कि "डॉलर की क़ीमत पर लगाया गया कैप नकारात्मक साबित हुआ है और इससे डॉलर की क़ीमत कम होने के बजाय बढ़ गई है."