दिल्ली सिख दंगों के मुख्य आरोपियों को पार्टी से बर्खास्त करना का साहस नहीं जुटा पाए राहुल गांधी
भाजपा के राष्ट्रिय महासचिव तरुण चुग ने कहा है की राहुल गांधी अपनी यात्रा में प्यार बांटने के खोखले दावे तो कर रहे है,लेकिन जमीनी हकीकत यही है वह इस यात्रा के दौरान देश में नफरत, विवाद, तुष्टिकरण व झगड़े फैलाने की साजिश कर रहे है।राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा तुष्टिकरण, भाई भतीजावाद, विवाद की राजनीती को बढ़ावा देने वाली है,सचखंड श्री हरिमंदर साहिब में नतमस्तक होने वाले राहुल गांधी क्या 1984 के दिल्ली सिख दंगों के मुख्य आरोपियों जिसमें जगदीश टाइटलर, सज्जन कुमार, कमल नाथ आदि शामिल है,क्या उनको पार्टी से बाहर निकालने का रास्ता दिखने का राजनितिक साहस जूटा सकते है।
राहुल गांधी से सवाल करते हुए तरुण चुग ने कहा की उनके परिवार में दिल्ली दंगों के साथ देश के कई राज्यों में हुई हिंसक घटनाओं में मारे गए सिखों के परिजनों को इंसाफ तो क्या दिलवाना था,बल्कि दंगों में शामिल कांग्रेसियों को बड़े-बड़े पद देकर नवाजा गया, महामंडित किया गया ।गांधी परिवार ने सदैव दोहरे व घटिया मापदंडों पर षड्यंत आधारित राजनीती की है।
भारत जोड़ने निकले राहुल गांधी अपने राजनितिक भविष्य को पुनर्स्थापित करने के जुगाड़ में है कांग्रेस तो जोड़ नहीं पा रहे है । उन्हें याद रखना होगा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की राजनीती में जो नयी इबारत लिखी है उसमें राहुल गांधी जैसे कांग्रेसियों का कोई स्थान नहीं बचा है।भाजपा ने सब का विकास सब का विश्वास एवम सब का प्रयास की राजनीती को आधार बनाया है,जबकि कांग्रेस अलग-अलग समुदायों,प्रान्त, वर्गों जातियों के बीच बांटों व राज करो की नीति अपनाती रही है। पंजाब यात्रा के दौरान जब जम्मू-कश्मीर में पहला कदम रखेंगें तब हजारों कश्मीरी पंडितों के उस बलिदान को याद रखना होगा जिंन्होने तत्कालीन कांग्रेस समर्थित सरकारों एक कारन अपने जीवन से हाथ धोए लाखो ने गाँधी नेहरू, मुफ़्ती व अब्दुलों की राजनीति के कारण पलायन की वह पीड़ा झेली जिसका दंश वह आज भी झेल रहे है व कष्ट का जीवन जी रहे है कोई पीडिया असुविदा, गम, व मानसिकता शारीरिक रोगों से ग्रस्त हो कर मर गए है पर इन तीन परिवारों की वंशवादी, अहंकारी, भ्रस्टाचारीयो अलगवादी, छदम धर्मनिरपक्षता की राजनीति ने देश का काफ़ी नुकसान किया है ।