हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) के मंत्रिमंडल का आज विस्तार हो गया. प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने सात विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई. सबसे पहले सोलन से सबसे पुराने विधायक धनी राम शांडिल्य ने शपथ ली. इसके बाद सिरमौर के शिलाई से छह बार के विधायक हर्षवर्धन चौहान, किन्नौर के पूर्व डिप्टी स्पीकर जगत सिंह नेगी, पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह बेटे शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह, कांगड़ा के जवाली से चंदर कुमार, कुसुमपट्टी से विधायक अनिरुद्ध सिंह और जुब्बल-कोटखाई से चार बार के विधायक रोहित ठाकुर ने मंत्री पद की शपथ ली है.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. कांग्रेस के पक्ष में चुनाव परिणाम आने के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री बनाया गया था. उनके साथ डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री को बनाया गया था. ठीक एक माह बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू के कैबिनेट का विस्तार भी हो गया है. आज प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने सात विधायकों को शपथ दिलाई. हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटों में से 40 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस बार बीजेपी सिर्फ 25 सीटें ही जीत पाई. आम आदमी पार्टी एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई.
इस बीच मंत्रिमंडल विस्तार से पहले सीएम सुक्खू ने रविवार को छह एमएलए को मुख्य संसदीय सचिव पद की शपथ दिलाई थी. बताया जा रहा है कि ये सभी विधायक मंत्री पद के दावेदार थे. इन लोगों को मंत्री न बनाकर मुख्य संसदीय सचिव पद पर एडजस्ट किया गया है. जिन विधायकों को संसदीय सचिव बनाया गया है उनमें रामकुमार चौधरी, मोहन लाल ब्राक्टा, रामकुमार, आशीष बुटेल, किशोरीलाल, संजय अवस्थी शामिल हैं. हिमाचल प्रदेश में सबसे पहले मुख्य संसदीय सचिव बनाने की पहल वीरभद्र सरकार में शुरू हुई थी.