भागदौड़ भरी जिंदगी में रोजमर्रा के छोटे-छोटे तनाव लेना अच्छा होता है। इससे दिमाग युवा बना रहता है और वृद्धावस्था बेहतर तरीके से गुजारने में मदद मिलती है। हाल ही में एक रिसर्च में यह बात सामने आई है।
टेंशन लेना भी जरूरी है:इससे इम्यूनिटी बढ़ती है, दिमाग युवा बना रहता है और बुढ़ापा बेहतर गुजरता है
इससे पहले 1990 के दशक में इस तरह के तनाव को सेहत के लिए हानिकारक माना जाता था, लेकिन पहली बार फिरदौस डाभर नाम के एक अमेरिकी मनोचिकित्सक ने न्यूयॉर्क की रॉकफेलर यूनिवर्सिटी के एक रिसर्चर के साथ इस संबंध में स्टडी की।
छोटे-छोटे तनाव से इम्यूनिटी बढ़ती है
छोटे-छोटे तनाव हमारे इम्यून सिस्टम पर सकारात्मक असर डाल रहे हैं। आधुनिक दुनिया के लिए छोटे-छोटे तनाव बेहद जरूरी हैं। उदाहरण के तौर पर किसी एथलीट को आगामी दौड़ को लेकर थोड़ा तनाव होना जरूरी है। इससे हृदय और मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और प्रदर्शन में सुधार आता है। हल्के शारीरिक व मानसिक तनाव दोनों से रक्त में इंटरल्यूकिन नामक रसायन बनता है। जो इम्युन सिस्टम को सक्रिय करता है। यह संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
व्यायाम से 4 साल तक कम हो जाती है दिमाग की उम्र
दिमाग का आकार 40 साल के बाद एक दशक में लगभग 5% की दर से घटता है। 70 की उम्र के बाद गिरावट की दर बढ़ जाती है। दिमाग की यह सिकुड़न ऐसे बुजुर्ग में 4 साल तक कम हो जाती है जो नियमित व्यायाम करते हैं।