गत शनिवार से शुरू रोहा शाखा लेखिका समारोह समिति का दो दिवसीय रजत जयंती समारोह का समापन नाटक मंचन और गीतों के साथ हुवा।

 रोहा पंडित गोपीनाथ बरदलै विद्यापीठ प्रांगण में शनिवार को रोहा शाखा अध्यक्षा मनोरमा भुंया के झंडारोहन और हेमप्रभा बरदलै द्वारा स्मृति तर्पण और समिति की पचीस सदस्याओं द्वारा पचीस द्वीप प्रज्वलित कर दो दिवसीय रजत जयंती समारोह का शुभारंभ करने के साथ ही बच्चों के बिच कविता आवृत्ति, नृत्य गीत प्रतिस्पर्धा का आयोजन हुवा और पुरानी समिति भंग कर दिप्तीदेवी शर्मा का अध्यक्षा,विजया गोगोई को कार्यकरी अध्यक्षा,देहेश्वरी दास,अनिमा दास,रूमी बरदलै,पुतुली मुदै,रंजना दास और डां निरला देवी को उपाध्यक्षा, स्वर्णलता भुंया को प्रधान संपादिका,सयनीका डेका मुख्य संपादिका,दिपांजली दास को सहकारी संपादिका,अनुप्रभा कोंवर सिंहा को पत्रिका संपादिका,सावित्री दास और तुष्टी बरदलै को संस्कृतिक संपादिका,गीतांजली वर्मन और प्रनति बरदलै को सह संस्कृतिक संपादिका,ईली भुंया और प्रतिभा मेधी को सांगठनिक सचिव के तौर पर सर्वसम्मति से चयन कर रोहा शाखा लेखिका समारोह समिति की नयी समिति गठन की गयी। साथ ही लेखिका समिति की सलाहकार निरू बोरा की अध्यक्षता में "गर्भवती महिलाओं को लिए जाने वाले सावधानता,जतन"शीर्षक स्वास्थ्य जागरूकता सभा में मुख्य वक्ता के तौर पर प्रस्सुती रोग विशेषग्य डां भास्वति हाजरिका उपस्थित रह गर्भवती महिलाओं को लिए जाने वाले सावधानता पर प्रकाश डाला। समारोह के द्वितीय व अंतिम दिन रविवार को समिति अध्यक्षा मनोरमा भुंया की अध्यक्षता और सचिव विजया गोगोई के उद्देश्य व्याख्या के साथ खुली सभा अनुष्टित हुई।खुली सभा में अखिल असम लेखिका समारोह समिति की पुर्व अध्यक्षा आभा बोरा मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहने के साथ ही डां थूनु कलिता,रोहा महाविद्यालय के अध्यक्ष डां वेद कुमार चलिहा,विशिष्ट लेखिका डां राजश्री बोरा,जागिरोड शाखा लेखिका समिति की सलाहकार अकन देवी,बढमपुर शाखा की सावित्री भुंया गोगोई उपस्थित रह सम्बोधित करने के साथ ही रोहा शाखा लेखिका समारोह समिति की पत्रिका "चँपाकली"सहित मनोरमा भुंया "खान मिहली खाधु कथार खँफुरा"खाधु महंतर बाणी,गोधुली गोपाल खुभाख,हेरूबा दिगंतर माया, किशोर किशोरिर श्रीमंत शंकरदेव, विजया गोगोई की आवेलीर धेमाली,जिंया खखी,निलिखा चिठिर ईतिकथा सहित रोहा शाखा की सदस्याओं की कविता पुस्तक "जूनुका"(3)अनुप्रभा कोंवर सिंहा की कविता पुस्तक कि नाम दी मातिम,मायातृष्णा हाजरिका कलिता की कविता पुस्तक मोई कलंगपरिया सोबाली,निरूमनी देवी की बालिघर,सावित्री सईकीया दास की गान मोर प्राण,निरू बोरा की आघोनर खोनगुटी और हरेश्वरी बरदलै की जाजावरी आत्मार कहानी सहित सौलह पुस्तकों का विमोचनहुवा।साथ ही रोहा शाखा लेखिका समारोह समिति की सदस्याओं ने "कनकलता"नाटक का मंचन कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।