पांढुरना. क्षेत्र मैं हर महीने टीबी के मरीज की संख्या बढ़ रही है| बढ़ती हुई संख्या को लेकर स्वास्थ्य विभाग  भी सकते में है| ऐसे में जन जगजागरूकता के साथ ही क्षेत्र में सर्व करने की जरूरत महसूस हो रही है| लगातार खांसी की शिकायत के मरीज पांढुर्ना अस्पताल में उपचार न पहुंचकर दूसरे शहरों में जाकर इलाज कराना उचित समझ रहे हैं जिसके कारण टीबी के मरीज की जानकारी नहीं मिल पा रही है| अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में 196 मरीज सक्रिय है| सबसे ज्यादा मरीज बिरौली पार जाटलापुर में है| वहीं जागरूकता के अभाव में ट्रायबल क्षेत्र में मरीज बढ़ रहे हैं| टीबी रोग विभाग के एसटीएफ चेतन इलाजकर ने बताया कि मरीज  विस्फुटम की जांच कराने पहुंच रहे हैं जिसके बाद वे पॉजिटिव आ रहे हैं| ऐसे में हमें पता चला है कि कई लोग यहां उपचार न कराकर दूसरे शहरों का रुख कर रहे हैं| अन्य जगह पर जांच के लिए 3000 हजार तक खर्चा आता है जबकि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान के तहत यह जांच मुक्त की जा रही है| पॉजिटिव आने पर मुफ्त दवा के साथ मरीज के खाते में सहायता राशि भी भेजी जाती है| 3 मरीज गंभीर संक्रमित इस साल हर महीने डेढ़ दर्जन से अधिक मरीज पॉजिटिव आए हैं| हालांकि इनमें संक्रामण मरीजों की संख्या कम है| लेकिन इतनी संख्या में मरीजों के मिलने से स्वास्थ्य विभाग को छुपे हुए मरीजों तक पहुंचना जरूरी हो गया है| ताकि रोग को नियंत्रण कर ब्लॉक को टीबी मुक्त किया जाए| क्षेत्र में इस साल 3 गंभीर संक्रामक टीबी के मरीजों सक्रिय है| इन मरीजों में पिछले साल ठीक हुए संक्रमण मरीज की रिश्तेदार भी शामिल है| टीबी विभाग की ओर से अपील की गई है कि 2 हफ्ते तक लगातार खांसी होने पर टीबी विभाग में अपने विस्फुतम की जांच जरूर कराएं| मरीज का नाम और पता गुप्त रखा जाता है|