Budget 2023: लोकसभा चुनाव से पहले ये आखिरी पूर्ण बजट होगा. इसके बाद साल 2024 वाला बजट अंतरिम होगा. इसलिए सरकार टैक्सपेयर्स को निराश नहीं करना चाहेगी. सूत्रों की मानें तो इसकी तैयारी भी हो रही है.
ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा
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बजट का बिगुल बज चुका है. देश के सबसे बड़े इकोनॉमिक इवेंट की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. हर साल बजट से पहले इंडस्ट्रीज, कॉरपोरेट्स और आम लोगों की उम्मीदें होती हैं. लेकिन, सबसे ज्यादा फोकस टैक्सपेयर्स (Taxpayers) का रहता है. बढ़ती महंगाई और घटती कमाई के चलते लोगों को इस बात का इंतजार रहता है कि सरकार उन्हें टैक्स (Income Tax) में थोड़ी राहत दे और उन्हें निवेश के लिए ज्यादा लिमिट मिले. अबकी बजट से भी यही उम्मीदें रहेंगी. इस बार थोड़ा अलग भी है. क्योंकि, लोकसभा चुनाव से पहले ये आखिरी पूर्ण बजट होगा. इसके बाद साल 2024 वाला बजट अंतरिम होगा. इसलिए सरकार टैक्सपेयर्स को निराश नहीं करना चाहेगी. सूत्रों की मानें तो इसकी तैयारी भी हो रही है. वित्त मंत्रालय ने संबंधित विभागों से कुछ सुझाव मांगे हैं. इसमें इनकम टैक्स को लेकर भी सुझाव मांगा गया है.
टैक्सपेयर्स को क्या-क्या मिल सकता है?
बढ़ सकती है टैक्स फ्री लिमिट
टैक्सपेयर्स (Income Tax Payers) के लिए अभी 2.5 लाख रुपए तक की सालाना इनकम टैक्स फ्री होती है. सूत्रों की मानें तो इसे बढ़ाने पर विचार चल रहा है. विभाग से इसे लेकर सुझाव मांगा गया है. लिमिट को बढ़ाकर 3 लाख से 5 लाख तक किया जा सकता है. इससे पहले आखिरी बार साल 2014 में इनकम टैक्स छूट की सीमा (income tax free limit) में बदलाव किया गया था. उस वक्त लिमिट को दो लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए किया गया था. ऐसा होता है तो टैक्सपेयर्स को निवेश के लिए ज्यादा पैसा मिलेगा.
बदल सकता है न्यू टैक्स रिजीम (New tax syste
सरकार ने बजट 2020 में न्यू टैक्स रिजीम का ऐलान किया था. ये पुराने टैक्स स्लैब के साथ वैकल्पिक टैक्स स्लैब है. मतलब नया टैक्स स्लैब. इसमें किसी तरह की छूट नहीं मिलती. सीधे तौर पर स्लैब के मुताबिक टैक्स काटा जाता है. लेकिन, इस व्यवस्था को लोगों को उतना रिस्पॉन्स नहीं मिला. अब सरकार इस व्यवस्था में थोड़े बदलाव करने जा रही है. बजट में इन बदलावों का ऐलान संभव है. न्यू टैक्स रिजीम को सरकार लोकप्रिय बनाने के लिए इसमें कुछ खास छूट को जगह दे सकती है.
क्या है न्यू टैक्स रिजीम का स्लैब स्ट्रक्च
न्यू टैक्स रिजीम में किसी तरह के निवेश पर टैक्स छूट नहीं मिलती है. इसमें 2.5 लाख रुपए तक इनकम टैक्स फ्री है. 2.5 लाख से पांच लाख रुपए तक की इनकम पर 5%, 5 से 7.5 लाख रुपए तक 10%, 7.5 लाख से 10 लाख रुपए तक 15%, 10 से 12.5 लाख रुपए तक 20%, 12.5 लाख से 15 लाख रुपए तक 25% और 15 लाख रुपए से ज्यादा इनकम पर 30% टैक्स लगता है
दोनों टैक्स सिस्टम में हो सकता है बदला
सूत्रों के मुताबिक, पर्सनल टैक्स पर चर्चा अगले हफ्ते होनी है. वित्त मंत्री ने इससे पहले सुझाव मांगे थे. न्यू टैक्स रिजीम में सुधार की कितनी गुंजाइश है, इसे लेकर भी चर्चा होनी है. हो सकता है कि सरकार नई और पुरानी दोनों टैक्स व्यवस्थाओं में कुछ बदलाव करे. सूत्रों की मानें तो सरकार इस पक्ष में है कि सैलरी वालों को कुछ फायदा दिया जाए. अभी तक न्यू टैक्स रिजीम में कोई फायदा नहीं मिलता. बस यहां टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स की दरें कम हैं. लेकिन, किसी तरह की छूट नहीं है. पुरानी व्यवस्था में टैक्सपेयर्स को HRA, LTA, स्टैंडर्ड डिडक्शन, सेक्शन 80C और सेक्शन 80D के तहत छूट का प्रावधान है.व.र? m)