रिजर्व बैंक की दर निर्धारण समिति ने बेंचमार्क ब्याज दरों यानी रेपो रेट में 35 बीपीएस का इजाफा किया है। इसके साथ ही रेपो रेट बढ़कर 6.25% पर पहुंच गई है। केंद्रीय बैंक ने यह फैसला महंगाई को काबू में लाने के लिए पहले से जारी प्रयासों के तहत लिया है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की तीन दिनों की बैठक के बाद बुधवार को इसकी घोषणा की। आरबीआई मई 2022 के बाद से अब तक शॉर्ट टर्म लेंडिंग रेट यानी रेपो रेट में 225 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी कर चुका है। यह वह दर है जिसपर भारतीय रिजर्व बैंक दूसरे बैंकों को ऋण सुविधा उपलब्ध कराता है। बुधवार को रेपो रेट की घोषणा करते हुए आरबीआई ने लगातार पांचवी बार इसे बढ़ाने का फैसला लिया। केंद्रीय बैंक ने मई 2022 में रेपो रेट को 40 बेसिस प्वाइंट बढ़ाने की घोषणा के साथ इसकी शुरुआत की थी। उसके बाद जून, अगस्त और सितंबर महीने में रेपो रेट में 50-50 अंकों की बढ़ोतरी की।
रेपो रेट की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच भी भारत की विकास दर मजबूती के साथ 6.8% पर बनी हुई है। महंगाई के बढ़ते आंकड़ों पर हमारी नजर बनी हुई और उपयुक्त कार्रवाई की जा रही है। आरबीआई रोजाना इसकी मॉनिटरिंग करने के लिए अर्जुन के आंख की तरह नजर बनाए हुए है। बुधवार को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि अगले 12 महीनों में महंगाई दर 4% के ऊपर बनी रहेगी।
एलआईसी म्यूचुअल फंड के सीआईओ (ऋण) मर्जबान ईरानी ने कहा है कि ऐसा लग रहा था कि एमपीसी ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेगी। केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में 35 बीपीएस की बढ़ोतरी कर दी है। यह फैसला का एमपीसी के छह में से पांच सदस्यों ने समर्थन किया है। ऐसे में यह चिंता की बात है। हालांकि एमपीसी ने रेपो रेट में बढ़ाेतरी की गति धीमी जरूर की है। इस बार केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट 50 की जगह 35 बीपीएस ही बढ़ाया है।