रायबरेली- एसजेएस पब्लिक स्कूल में रविवार देर शाम 'ग्लिटर्स ऑफ साइन्स' शो का आयोजन किया गया। इस शो में कक्षा छह के सभी छात्र और उनके अभिभावक मौजूद रहे। शो में 'रिफ्लेक्शन ऑफ लाइट' को प्रयोग के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। इस शो के माध्यम से बच्चों ने न केवल रिफ्लेक्शन ऑफ लाइट बल्कि साइंस के अन्य सूत्रों और परिकल्पनाओं को खुद प्रयोग करके सीखा।शो के माध्यम से बच्चों ने विज्ञान के तमाम नियमों को सीखा और खुद प्रयोग करके तमाम परिकल्पनाओं को समझा। छात्र रूद्र प्रताप सिंह ने कहा कि आज यहां पर आकर के बहुत अच्छा लगा। विज्ञान के तमाम नियमों को हमने खुद प्रयोग करके सीखा है और हमें आज इस शो के माध्यम से तमाम महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल हुई है।अपने भाई के साथ इस शो को देखने आई शुभी सिंह ने बताया कि आज इस शो को देखकर साइंस के तमाम नियम अब समझ में आए हैं। जब मैं कक्षा छह में थी तो रिफ्लेक्शन ऑफ लाइट और तमाम साइंस के नियम हम लोग रट लिया करते थे लेकिन आज शो को देखने के बाद हमें लगा कि विज्ञान वाकई में करके सीखने वाला विषय है।संस्थान के रिसोर्स पर्सन और फिज़िक्स के शिक्षक निहाल सिंह ने कहा कि साइंस में तमाम ऐसी चीजें हैं जो हमेशा निश्चित नहीं होती हैं जैसे लाइट एक सीधी रेखा में चलता है यह बात सब जानते हैं लेकिन अगर माध्यम बदल जाएगा तो प्रकाश सीधी रेखा की बजाए अपने स्थान से विचलित हो जाता है इसके अलावा बच्चों को प्रयोगों के माध्यम से लाइट के रिफ्लेक्शन को समझाया गया। बच्चों ने प्रकाश का रिफ्लेक्शन और इससे जुड़ी हुई तमाम बातें सीखी।एसजेएस ग्रुप ऑफ स्कूल के चेयरमैन रमेश बहादुर सिंह ने कहा कि बच्चों का उद्देश्य साइंस को केवल पढ़ कर के नंबर पाना नहीं होना चाहिए बल्कि बच्चों को जिज्ञासु होना चाहिए। अगर बच्चे जिज्ञासु होंगे तो वह वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएंगे और वैज्ञानिक दृष्टिकोण बच्चों को कहीं भी ले जा सकता है। बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के उद्देश्य से साइंस शो का आयोजन किया गया था इससे बच्चों ने प्रयोग करके तमाम नियमों को खुद सीखा और समझा। इसी धारणा पर आधारित एक साइंस लैब स्कूल में स्थापित की गई है जिसे स्पेसवॉक नाम दिया गया है।जिसमें साइंस से जुड़े तमाम प्रयोगों, तमाम नियमों को प्रयोगों के माध्यम से समझाया गया है। यहां पर पांच हजार से ज्यादा प्रैक्टिकल की सुविधा है।संस्थान की प्रधानाचार्य डॉ बीना तिवारी ने आए हुए समस्त अभिभावकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि एसजेएस में विज्ञान सिर्फ रटकर नही बल्कि उसे प्रयोग के माध्यम से सिखाया जाता है।यही वजह है कि एसजेएस के बच्चे अन्य स्कूलों के बच्चों से आगे है।कार्यक्रम का संचालन स्पोर्ट्स ऑफिसर प्रमोद सक्सेना ने किया।