मोरान जवाहर नवोदय विद्यालय में गुरु अपने शिष्य से असुरक्षा की भावना से ग्रस्त है। डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय रैगिंग की घटना एक और घटना है। इस बार घटनास्थल डिब्रूगढ़ जिले के मोरान में डुमरदोलंग जवाहर नोबोदया विद्यालय में हुआ। छात्रा के धक्कामुक्की में पांच महीने की गर्भवती शिक्षिका घायल हो गई। शिक्षिका का नाम इतिहास की पीजीटी अंजू रानी है। छात्रों के परीक्षा में कम अंकों के लिए माता-पिता से शिकायत करने पर 27 नवंबर की शाम को शिक्षिका पर छात्रों ने सामूहिक रुप से गैंग बनाकर हमला कर दिया था।

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छात्राओं और विद्यालय कर्मचारियों की मदद से शिक्षिका की किसी तरह जान बच गई। 27 नवंबर को कक्षा 9 और 12 के छात्रों ने जवाहर नवोदय विद्यालय के शिक्षिका अंजु रानी का घेराव कर हमला करने का प्रयास करने लगे जिसमें शिक्षिका घायल हो गई और उन्हें मोरान के चिकित्सालय ले जाना पड़ा । शिक्षिका और अन्य शिक्षक अब विद्यालय में अपने ही छात्रों को लेकर असुरक्षा की भावना से ग्रस्त हैं। जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवंधन को प्रशासन से मदद की गुहार लगानी पड़ी है। आरोपों के अनुसार 11वीं कक्षा के सुनन्द्रा दिहिंगिया और दसवीं कक्षा के अंकुश सिंह मामले के मुल खलनायक है हलांकि विद्यालय प्रशासन ने 22 आरोपी छात्रों की सूची भी तैयार की है जिसमें पुनीन्द्र पाटर, उदयन नाहरडेका, कौषिक सिंह, कोबिन सैईकिया, जुमन कुवंर, अभिषेक गोगोई, रक्तिम दत, पिंकू मेष, रुपज्योति गोगोई, उदीप्त गोहांई, बिटुपन रविदास, बिकि सैईकिया, योग्य दास, मानष पवन सेतिया, भाग्यदीप गोगोई, लख्यजीत गोगोई, आर्यश सानडिल्य, कौषिक देवरी, हिमांशु बोरा, रितुराज मेष शामिल है।

विद्यालय प्रभारी अध्यक्ष रेथेष कुमार ने बताया कि विद्यालय परिचालना समिति के अध्यक्ष तथा डिब्रूगढ़ जिले के उपायुक्त श्री विश्वजीत पेगु तथा जेएनभी संगठन प्रवंधन को मामले की जानकारी दी गई है और उन्होंने आरोपी छात्रों पर कठोर कार्यवाई करने की बात कही है । घटना इतना भयावह था कि पुलिस को बुलाना पड़ा और मोरान थाना प्रभारी पंकज उपाध्याय ने मौके पर पहुंच कर परिस्थिति को संभाला । अध्यक्ष श्री कुमार ने कहा कि 27 की भयावह रात सभी शिक्षक डर सहमे इधर उधर भाग रहे थे और उदंड छात्रों का झुंड लाठी डंडा लिए उन्हें और अन्य शिक्षकों को मारने पीटने के लिए विद्यालय प्रांगण में घुम रहे थे । उन्होंने बताया कि इस शंदर्भ में मोरान थाने में पीड़िता शिक्षिका के तरफ से मामला दर्ज करवाया गया है । बिति रात आपातकाल बैठक का आयोजन कर एक कमेटी बनाई गई और कमेटी के जांच के परिणाम के बाद आगे की कार्यवाई की जाएगी । हलाकि उदंड और आरोपी छात्रों को उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया था कि आप अपने बच्चे को घर ले जाईये मगर उन्होंने बच्चों को घर लेजाने से इंकार कर दिया ऐसे में मामला और पेचीदा हो गया है । बहरहाल विद्यालय में अराजक का माहौल है और जान के खतरे से घिरे अध्यक्ष और शिक्षक प्रशासन से अपने जान की हिफाजत की गुहार लगा रहे हैं । इसबीच अध्यक्ष श्री कुमार ने कहा कि हमारे विद्यालय के 95 प्रतिशत छात्र बहुत अच्छे हैं वहीं 5 प्रतिशत असामाजिक तत्व भी है जो ना तो स्वयं पढ़ना चाहते हैं और नाहीं दुसरों को पढ़ने देना चाहते हैं, जो छात्र गैंग बनाकर गर्भवती शिक्षिका पर हमला कर सकते है वह विद्यालय के छात्रावास में रह रही छात्राओं के साथ कुछ भी कर सकते है । बहरहाल आज अंकुश सिंह को घर भेज दिया गया और अन्य 21 छात्रों को आवश्यकता पड़ने पर शिक्षकों के साथ उनके घर भेजा जाएगा मगर विद्यालय और अन्य छात्रों के बेहतरी के लिए इन्हें घर भेज दिया जाएगा ।

बताते चलें कि इतिहास की पीजीटी अंजू रानी अपने डरावने अनुभव को व्यक्त करते हुए शिहर गई और उन्होंने कहा कि पांच महीने की गर्भवती होने की वजह से कोंप्लिकेशन को देखते हुए चिकित्सक और विद्यालय प्रवंधन ने उन्हें आराम करने का सुझाव दिया था इसके बावजूद छात्रों के शिक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्होंने छात्रों को पढ़ाना बंद नहीं किया और आज वही छात्र उनके और उनके बच्चों को मारने की कोशिश कर रहे थे इससे भयानक बात क्या हो सकती है । उन्होंने बताया कि पिछले चार वर्षों से वे विद्यालय में पढ़ा रही हैं और उनके द्वारा ही पढ़ाए गये छात्रों ने उनपर हमला किया यह वाकई भयानक अनुभव है ।