15 नवंबर यानी मंगलवार की देर रात रूस ने 100 से ज्यादा मिसाइलें यूक्रेन पर दागी हैं। यूक्रेन ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया है। इस दौरान दो मिसाइलें पोलैंड के एक गांव प्रजेवोडोव में गिरने की खबर है, जिसमें दो लोगों की मौत हुई है। हालांकि, रूस ने पोलैंड पर मिसाइल हमले के आरोपों को खारिज किया है।

घटना के तुरंत बाद अमेरिका ने NATO देशों की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। इसके बाद बाइडेन ने कहा- प्राइमरी इन्वेस्टिगेशन में सामने आया है कि ये मिसाइलें यूक्रेनी सैनिकों की जवाबी कार्रवाई के बाद पोलैंड में गिरी हैं।

भास्कर एक्सप्लेनर में जानेंगे कि भविष्य में पोलैंड पर किसी भी तरह का अटैक दुनिया के लिए क्यों खतरनाक है, क्या पोलैंड पर हमला आग से खेलने जैसा है?

पोलैंड पर किसी तरह का अटैक दुनिया के लिए खतरनाक क्यों है?

15 नवंबर यानी मंगलवार को पोलैंड में दो मिसाइलें गिरने के बाद ऐसा लगा कि पिछले 9 महीने से चल रही यूक्रेन-रूस जंग अब खतरनाक मोड़ पर आ गई है। हालांकि,16 नवंबर बुधवार शाम तक पोलैंड के राष्ट्रपति ने कहा- मिसाइल हमले में 2 लोग मारे गए। यह दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना है, जानबूझकर किया गया हमला नहीं है। दरअसल, अब तक यूक्रेन NATO के सहयोगी देश पोलैंड और रूस के बीच एक बफर जोन जैसा था, अब पोलैंड एक वॉरफ्रंट बन गया है। इसकी वजह दुनिया में पोलैंड की प्राइम लोकेशन हैरूस-यूक्रेन जंग के दौरान पोलैंड के वॉरफ्रंट बनने की तीन वजहें…

1. पिछले महीने पोलैंड की सीमा से लगते देश बेलारूस के साथ रूस ने सैन्य समझौता किया है। इसके तहत बेलारूस में रूसी सैनिकों की तैनाती हुई है। इसको लेकर पोलैंड के विदेश मंत्री ज्बिग्नेव राउ ने कहा है कि राजधानी वॉरसा से कुछ दूर रूसी सेना की तैनाती हमारे लिए चिंता का विषय है।

2. पोलैंड की 600 किलोमीटर से ज्यादा सीमा दो देशों यूक्रेन और बेलारूस से मिलती है, जैसा कि आप ऊपर मैप में देख सकते हैं। रूस ने बेलारूस में अपना एयर डिफेंस सिस्टम भी लगाया है, जो पोलैंड के बड़े हिस्से को कवर करता है। पोलैंड ने अपनी सुरक्षा के लिए खतरनाक बताकर इसका विरोध दर्ज कराया है।

3. पोलैंड के रास्ते भारी मात्रा में हथियार यूक्रेन भेजे जा रहे हैं। इसकी वजह से रूस जंग में फ्रंटफुट से बैकफुट की ओर जा रहा है। ऐसे में रूस किसी भी तरह से पोलैंड पर हमले की कोशिश करता है तो NATO से जुड़े 30 देश खुद पर हमला मानकर जंग में कूद पड़ेंगे। नतीजा परमाणु जंग में बदल सकता है।

अगर पोलैंड पर हमला होता है, तो कूद पड़ेंगे सभी नाटो देश

रूस ने यूक्रेन पर भले ही 9 महीने से जंग छेड़ रखी है, लेकिन पोलैंड पर हमला भारी पड़ेगा। नाटो चार्टर का आर्टिकल 5 कहता है कि किसी भी नाटो देश के खिलाफ बाहरी हमले को सभी सहयोगियों के खिलाफ हमला माना जाएगा। 2001 में अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकियों के हमले के बाद NATO ने पहली बार आर्टिकल-5 का इस्तेमाल किया था।

पोलैंड ने मिसाइल गिरने की घटना के जांच के आदेश दिए हैं। फाइनल रिपोर्ट आने के बाद पोलैंड सरकार के लिए गए फैसले से आगे जंग की दिशा और दशा तय होगी।

1939 में भी पोलैंड पर हमले के बाद ही शुरू हुआ था सेकेंड वर्ल्ड वॉर

1 सितंबर 1939 की बात है। हिटलर की नाजी सेना ने पोलैंड पर हमला कर दिया था। इसके 16 दिन बाद 17 सितंबर 1939 को सोवियत रूस की सेना ने भी पोलैंड के दूसरे हिस्से पर हमला कर दिया। देखते ही देखते ब्रिटेन और फ्रांस ने भी हिटलर की नाजी सेना के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया। इसके बाद सेकेंड वर्ल्ड वॉर शुरू हो गया।

7 अक्टूबर 1939 को पोलैंड को दो हिस्सों में बंट गया, जिसके एक हिस्से पर जर्मनी और दूसरे हिस्से पर सोवियत रूस का कब्जा था। हालांकि, बाद में पूरे पोलैंड पर जर्मनी का कब्जा हो गया था।