पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार का शोर खत्म हो चुका है. 12 नवंबर को प्रदेश की कुल 68 सीटों के लिए एक ही चरण में मतदान होना है. अपनी-अपनी जीत के लिए दलों के साथ-साथ प्रत्याशियों ने भी ताकत झोंक दी है. फिर चाहे वो हर दर पर जाकर वोट मांगना हो या फिर अपने घोषणा पत्रों के जरिए वादों की झड़ी लगाना हो, किसी भी दल ने कोई कसर नहीं छोड़ी है.

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राजनीतिक दलों ने अपने-अपने स्तर पर तो जीतोड़ मेहनत कर ली, अब नतीजा जनता जनार्दन के हाथों में है. ये नतीजा 8 दिसंबर को सबके सामने भी होगा. लेकिन इन सबके बीच इस बार चुनाव में किस राजनीतिक दल ने कितने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों पर दांव लगाया है, ये जानकारी काफी दिलचस्प है. 

वैसे तो चुनाव में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है , लेकिन आम आदमी पार्टी ने भी अपनी जीत का दावा किया है. आइए जानते हैं कि इस बार के चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस या फिर आप किस दल ने क्रिमिनल पृष्ठभूमिक वाले उम्मीदवारों पर ज्यादा भरोसा दिखाया. 

  

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022

68 सीटों के लिए हो रहा चुनाव

412 कुल प्रत्याशी

94 आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशी

23% प्रत्याशियों का क्रिमिनल बैकग्राउंड

50 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज

31 उम्मीदवारों पर 2017 के चुनाव में थे गंभीर मामले दर्ज 

कुल 412 कैंडिडेट्स आजमा रहे किस्मत

हिमचाल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस बार 68 सीटों के लिए कुल 412 कैंडिडेट्स अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक, इन 412 प्रत्याशियों में से 94 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके ऊपर क्रिमिनल केस फाइल किए गए हैं. ऐसे में इन सभी कैंडिडेट्स के परसेंटेज की बात करें तो टोटल उम्मीदवारों में 23 फीसद उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं. इतना ही नहीं इनमें आधे से ज्यादा उम्मीदवारों के ऊपर गंभीर आपराधिक आरोप दर्ज किए गए हैं, जैसे हत्या, आगजनी, हत्या की कोशिश आदि. खास बात यह है कि, बीते विधानसभा चुनाव यानी 2017 में ये आंकड़ा 31 था. यानी इस बार इस आंकड़े में खासी बढ़ोतरी हुई है. 

किस दल के क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले कैंडिडेट ज्यादा

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, इस वर्ष हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले कैंडिडेट कांग्रेस ने उतारे हैं. दरअसल कांग्रेस के कुल 68 उम्मीदवारों में से 36 प्रत्याशी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं. वहीं इसके बाद नंबर है भारतीय जनता पार्टी है.बीजेपी ने कुल उम्मीदवारों में से 12 आपराधिक मामलों में शामिल प्रत्याशियों पर दांव लगाया है. इसके बाद वहीं आम आदमी पार्टी के भी 67 में से 12 कैंडिडेट क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले ही हैं. लेकिन सीपीआईएम ने अपने 11 उम्मीदवारों में से 7 उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि वाले ही चुने हैं. जो प्रतिशत के हिसाब से काफी अधिक है. जबकि बीएसपी 53 सीटों पर सिर्फ 2 ऐसे उम्मीदवारों को उतारा है जिनका आपराधिक रिकॉर्ड है.