चुनावी मौसम है और ये सियासत है यहां कुछ भी हो सकता है गुजरात विधानसभा चुनाव करीब है और कांग्रेस को एक के बाद एक बड़े झटके लग रहे हैं.
पटौदी इंटरप्राइजेज एवं अलगोजा रिसोर्ट - बूंदी
पटौदी इंटरप्राइजेज एवं अलगोजा रिसोर्ट कीऔर से बूंदी वासियों को दीपावली की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं
करीब 5 दशक (50 साल) का साथ छूटा
करीब 5 दशकों से कांग्रेस में रहने वाले और गुजरात के छोटा उदयपुर के आदिवासी इलाके में एक मजबूत पकड़ रखने वाले मोहनसिंह राठवा जो 11 बार विधान सभा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड जिनके पास है और गुजरात विधान सभा में सबसे सीनियर एमएलए उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है.
हर चुनाव से पहले दल बदल होता रहता है अपनी पार्टी से टिकट ना मिलने पर कई नेता चुनाव के वक्त टिकिट के लिए दूसरी पार्टी में चले जाते. छोटा उदयपुर में कांग्रेस के मोहनसिंह राठवा जो करीब 11 बार एमएलए का चुनाव जीतते आए हैं और ये सीट कांग्रेस की एक पारंपरिक सीट मानी जाती हैं इस बार इस सीट से मोहनसिंह राठवा ने अपनी उम्र के चलते चुनाव ना लड़ने का एलान किया था साथ ही उन्होंने कहा के उनके बेटे राजेंद्रसिंह राठवा को यहां से कांग्रेस के टिकिट पर चुनाव लड़ने का मोका मिले और दूसरी तरफ कांग्रेस के के पूर्व रेल्वे मंत्री और राज्यसभा सांसद नारण भाई राठवा ने उनके पुत्र संग्रामसिंह राठवा के लिए टिकिट की मांग की थी इसी वजह से यहां सियासी पेच फसा हुआ था. जिसके चलते 50 साल यानी करीब 5 दशकों से कांग्रेस के साथ रहने वाले मोहनसिंह राठवा राठवा ने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया है.
अब देखना यह है की क्या बीजेपी में जाने के बाद अब राजेंद्रसिंह राठवा को छोटा उदयपुर से बीजेपी से टिकिट मिलता है या नहीं.