पीएम नरेंद्र मोदी रविवार को गुजरात के वड़ोदरा में टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट (Tata-Airbus project) की नीव रखी । लगभग 22 हज़ार करोड़ रुपये का यह प्रोजेक्ट पहले महाराष्ट्र के पास जाना था, लेकिन ऐन मौके पर गुजरात को फायदा हो गया। परियोजना के तहत भारत में C-295 एयरक्राफ्ट बनाए जाएंगे। जगह बदलने को लेकर राजनीति चल रही है। वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगते क्षेत्रों में चीन की ओर से मिल रही चुनौती से निपटने के लिए भारत अत्याधुनिक स्वदेशी मालवाहक विमान सी-295 एम डब्ल्यू बना रहा है जो बेहद दुर्गम क्षेत्रों में छोटी हवाई पट्टियों पर रसद तथा सैनिकों को लेकर उतरने में सक्षम होगा और इससे इससे वायु सेना की ताकत कई गुना बढ जायेगी। पहली बार C-295 एयरक्राफ्ट का निर्माण यूरोप के बाहर होगा। देश के एयरोस्पेस सेक्टर के लिए यह बड़ी बात है।

भारत का पहला प्रोजेक्ट है, जिसमें एक प्राइवेट कंपनी मिलिट्री एयरक्राफ्ट बनाने जा रही है। C-295 का इस्तेमाल मिलिट्री के साथ-साथ सिविलियन पर्पज के लिए भी हो सकता है। यह अनुभव देश के काम आएगा।

रक्षा मंत्रालय की ओर से बयान जारी कर बताया गया है कि इंडियन एयरफोर्स को 56 विमानों की आपूर्ति के बाद एयरबस डिफेंस एंड स्पेस भारत में सिविल ऑपरेटर्स को भी विमान बेच सकती है।