रोहा क्षेत्र के अंतर्गत फुलोगुडी में वर्ष १८६१की१८अक्टुबर को हुवे भारत के प्रथम कृषक विद्रोह एतिहासिक फुलोगुडी धेवा का १६१वां स्मृति दिवस आज एजेपी और स्मृति रक्षा समिति ने संयुक्त तौर पर मना वीर शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर याद किया।

       फुलोगुडी धेवा का १६१वां स्मृति दिवस आज फुलोगुडी स्थित राईजमेल भवन में असम जातीय परिषद (एजेपी)और धेवा स्मृति रक्षा समिति के संयुक्त तत्वावधान में मनाया गये। प्रात:नौ बजे नौगांव जिला एजेपी अध्यक्ष पुलीन हाजरीका द्वारा परिषद का झंडारोहन और स्मृति रक्षा समिति अध्यक्ष प्रवीण हाजरीका द्वारा रक्षा समिति का झंडारोहण कर शुभारंभ करने के साथ ही वीर शहीदों की स्मृति में द्वीप प्रज्वलन और स्मृति तर्पण अखिल असम जातीय परिषद के अध्यक्ष लुरीन ज्योति गोगोई,उपाध्यक्ष तथा नौगांव जिले के पुर्व उपायुक्त सरदार शमसेर सिंह ने कर धेवा के वीर शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर याद किया। तत्पश्चात मानुह पुरा बील में एजेपी सचिव जगदीश भुंया ने द्वीप प्रज्वलन किया।दोपहर बारह बजे से नौगांव जिला जातीय परिषद के अध्यक्ष पुलीन हाजरीका और स्मृति रक्षा समिति अध्यक्ष प्रवीण हाजरीका की अध्यक्षता और सचिव उत्पल वनिया के संचालन एवं स्मृति रक्षा समिति के सचिव प्रदीप डेका के उद्देश्य व्याख्या के साथ अनुष्टित सभा के सर्वप्रथम रोहा सुर्यवती शाखा साहित्य सभा की शिल्पीयों द्वारा समवेत संगीत और कस्तूरी डेका ने सत्रीया नृत्य कर मंत्रमोग्ध करने के साथ ही धेवा के वीर शहीदों के परिवारों और पाँच अग्रणी किसानों का स्मृति दिवस उद्जापन समिति की और से एक एक फुलाम गमछा,अभिनंदन पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।साथ ही सभा में धेवा पर आधारित गीत कैसेट "फुलोगुडी धेवा "का विमोचन हुवा।सभा में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित अखिल असम जातीय परिषद के अध्यक्ष लुरीन ज्योति गोगोई ने सभा को सम्बोधित करते हुवे धेवा के वीर शहीदों के त्याग बलिदान को याद करते हुवे धेवा के इतिहास पर प्रकाश डालते हुवे कहा की आज तक केंद्रीय और राज्य सरकार फुलोगुडी धेवा को राष्ट्रीय स्वीकृति देने में सक्षम नही हुई। अध्यक्ष गोगोई ने सरकार की कडे शब्दों में निंदा करते हुवे अत्यावश्यक सामग्रियों के मुल्यवृद्धी से जनता त्रस्त होने की बात कही।गोगोई ने सरकार से धेवा को राष्ट्रीय स्वीकृति प्रदान करने और धेवा स्थल को पर्यटन स्थल में तबदील करने के लिए पदक्षेप उठाने की मांग की। सथ ही सभा में१८अक्टुबर के दिन को कृषक अधिकार दिवस के तौर पर घोषणा करने,अत्याधिक कर और मुल्यवृद्धी पर लगाम लगाने कलाक्षैत्र में धेवा प्रतिक चिह्न अंकित करने सहित कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव लिया गया।अनुष्टित सभा में निदिष्ट वक्ता के तौर पर उपस्थित जोरहाट महाविद्यालय के अध्यक्ष डां देवव्रत शर्मा,विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित पुर्व मंत्री तथा कलियावर साहित्य सभा के पुर्व अध्यक्ष गुनीन हाजरीका ने सभा को सम्बोधित करने के साथ ही सभा में विशिष्ट साहित्यिक शिवानंद काकोति,पुर्व एडीजीपी दिलीप बोरा,एजेपी के मुखपात्र अमृत ठाकुरीया,सदस्या प्रनिता डेका,उपाध्यक्ष विनीत तालुकदार,मास नेता लखीप्रसाद डेका,होजाई जिला एजेपी के अध्यक्ष लुत्फुर रहमान सहित एजेपी केंद्रीय समिति, रोहा,नगांंव मरिगांव,कामरूप समितियों के नेता कर्मी सहित शहीद परिवार के परिजन और स्थानीय जनता उपस्थित थी।