प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिल्ली रवाना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उज्जैन में महाकाल लोक के लोकार्पण के पश्चात इंदौर एयरपोर्ट आए। इंदौर एयरपोर्ट से वे नई दिल्ली के लिए रवाना हुए। एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री मोदी को विदाई दी गई। राज्य शासन की ओर से प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा तथा जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी के साथ केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी आए और वापस दिल्ली के लिए रवाना हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के बाद कैलाश खेर की प्रस्तुति फिर शुरू की गई। वे शिवभक्ति से जुड़े गीत सुनाते रहे। इस दौरान सीएम शिवराज मंच पर झूमते दिखे। पीएम मोदी इंदौर के लिए निकल गए हैं। वे हैलीकॉप्टर से ही इंदौर के लिए रवाना हुए हैं। सड़क मार्ग से भी जाने के कयास लगाए जा रहे थे, इसी वजह से उज्जैन से इंदौर तक का मार्ग भी संवारा गया था। 600 एलईडी लगाकर रोशन किया गया था।
महाकाल का बुलावा आया तो चला आया ये बेटा
मोदी ने कहा कि उज्जैन जो हजारों वर्ष से भारतीय कालगणना का केंद्र बिंदू रहा है, वह भारत की भव्यता के उद्घोष कर रहा है। यहां महाकाल मंदिर में पूरे देश-दुनिया से लोग आते हैं। सिंहस्थ में लाखों लोग जुड़ते हैं। अनगिनत विविधताएं भी, एक मंत्र, संकल्प लेकर जुड़ सकती हैं, इससे अच्छा उदाहरण क्या हो सकता है। हम जानते हैं कि हजारों साल से हमारे कुंभ मेले की परंपरा सामूहिक मंथन के बाद जो निकलता है, उसे संकल्प लेकर क्रियान्वित करने की परंपरा रही है। फिर एक बार अमृत मंथन होता था। फिर 12 साल के लिए चल पड़ते हैं। पिछले सिंहस्थ में महाकाल का बुलावा आया तो यह बेटा आए बिना कैसे रह सकता है...
उस समय कुंभ की हजारों साल की परंपरा, मन-मस्तिष्क में मंथन चल रहा था, मां शिप्रा के तट पर अनेक विचारों से घिर गया था. उसी विचारों से मन कर गया, कुछ शब्द चल पड़े, पता नहीं कहां से आए, और जो भाव पैदा हुआ वह संकल्प बन गया... यह ही आज साकार हो गया है। उस समय के भाव को चरितार्थ करके दिखाया है, सबके मन में शिवत्व और शिव के लिए समर्पण, शिप्रा के लिए... कितनी प्रेरणा यहां विश्व की भलाई के लिए निकल सकती है... काशी जैसे हमारे केंद्र धर्म के साथ-साथ दर्शन और कला की राजधानी भी रहे। उज्जैन जैसे स्थान एस्ट्रोनॉमी से जुड़े शोधों के शीर्ष केंद्र रहे हैं। आज नया भारत प्राचीन मूल्यों के साथ आगे बढ़ रहा है तो आस्था के साथ-साथ विज्ञान की भी नई छवि बना रहा है। आज भारत दुनिया के कई देशों के सैटेलाइट स्थापित कर रहा है। रक्षा के क्षेत्र में पूरी ताकत से आगे बढ़ रहा है।
युवा स्टार्टअप बना रहे हैं, नए यूनीकॉर्न के जरिये भारत की प्रतिभा का डंका बजा रहे हैं। हमें भी याद रखना है कि जहांइनोवेशन है वहीं पर रेनोवेशन भी है। हमने गुलामी के कालखंड में जो खोया, आज भारत उसे रेनोवेट कर रहा है। अपने गौरव की, अपने वैभव की पुनस्थापना हो रही है। इसका लाभ सिर्फ भारत के लोगों को नहीं बल्कि विश्वास रखिये साथियों महाकाल के चरणों में बैठे हैं, विश्वास के साथ कहता हूं कि इसका लाभ पूरे विश्व को मिलेगा, पूरी मानवता को मिलेगा। महाकाल के आशीर्वाद से भारत की भव्यता, दिव्यता पूरे विश्व के लिए शांति का मार्ग दिखाएगी...