स्कूल जाने वाले चार लाख से अधिक छात्रों को सोमवार को निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ सकता है। परिवहन विभाग द्वारा स्कूल कैब व स्कूलों में पंजीकृत अन्य वाहनों पर भारी जुर्माना लगाए जाने के विरोध में स्कूल ट्रांसपोर्ट एकता एसोसिएशन ने सोमवार को हड़ताल का ऐलान किया है।एसोसिएशन के अध्यक्ष रामचंद्र पहल ने बताया कि परिवहन विभाग ने 2017 के बाद न तो किसी स्कूल कैब को व्यावसायिक रूप में पंजीकृत किया है और न ही निजी वाहनों को स्कूल कैब के तौर पर मान्यता दी है।
वाहनों पर लग रहा भारी जुर्माना
इसके साथ ही इन सभी वाहनों पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जा रहा है और उनको जब्त भी किया जा रहा है, इसलिए यह एक दिनी हड़ताल का आह्वान किया गया है, ताकि सरकार जागे और स्कूल ट्रांसपोर्ट के लिए वाहनों को पंजीकृत करने की अनुमति दे। अगर सरकार नहीं मानती है तो आगे अनिश्चितकालीन हड़ताल करने पर भी विचार चल रहा है।
भारतीय किसान यूनियन का मिला समर्थन
उन्होंने बताया कि हड़ताल को अभी भारतीय किसान यूनियन (चढूनी), कांग्रेस आटो-टैक्सी यूनियन का और कैब चालक सेना का समर्थन मिल चुका है। उन्होंने बताया कि हमारी एसोसिएशन से 20 से 25 हजार स्कूल कैब चालक जुड़े हुए हैं। सुबह सात बजे से तीस हजारी स्थित क्वीन मेरी स्कूल सहित अन्य कई चौराहों पर एसोसिएशन से जुड़े स्कूल कैब चालक अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करेंगे और कटोरा लेकर भीख मांगेंगे।
स्कूल प्रबंधन ने किया मैसेज
कैब चालकों की हड़ताल को लेकर स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों को फोन पर मैसेज भेजकर उनसे अपने निजी वाहन से बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए कहा है। निजी स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत अरोड़ा ने कहा कि स्कूल कैब की हड़ताल से बच्चों को स्कूल आने में परेशानी होगी। इससे स्कूल आने वाले बच्चों की संख्या घट सकती है। बहुत से माता-पिता जो खुद भी नौकरी में हैं, वे बच्चों को स्कूल भेजने के लिए स्कूल कैब पर ही निर्भर हैं।