कर्नाटक के स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध के विरोध में बहस कर रहे मुस्लिम छात्रा के वकील ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अगर एक मुस्लिम महिला सोचती है कि हिजाब पहनना उसके धर्म के अनुकूल है तो कोई भी अधिकारी या कोर्ट अन्यथा नहीं कह सकता।हिजाब के पक्ष में सोमवार को दलीलें रखते हुए याचिकाकर्ताओं ने कहा कि हिजाब इस्लाम की धार्मिक परंपरा का हिस्सा है और इस पर रोक से मुस्लिम छात्राओं को संविधान में मिले अभिव्यक्ति की आजादी (अनुच्छेद 19(1)(ए)), व्यक्तिगत स्वतंत्रता (अनुच्छेद 21) और धार्मिक स्वतंत्रता (अनुच्छेद 25) के मौलिक अधिकार का हनन होता है।कार्यकर्ता की हत्या के मामले में PFI नेता गिरफ्तार, कई और बड़े नेताओं को मारने की बना रहा था लिस्ट

आज भी जारी रहेगी सुनवाई

ममले में बहस मंगलवार को भी जारी रहेगी। कर्नाटक हाई कोर्ट ने कर्नाटक के स्कूलों में हिजाब पर रोक और यूनीफार्म अनिवार्य करने के आदेश को सही ठहराया था। हाई कोर्ट ने फैसले में यह भी कहा था कि हिजाब इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है। इस आदेश को कई मुस्लिम छात्राओं और संस्थाओं ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। मामले में आजकल न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की पीठ सुनवाई कर रही है।