आगरा: एड्स नियंत्रण कार्यक्रम को और बेहतर चलाने के लिए इसके तहत कार्य करने वाले को नए सिरे से अपडेट करना होगा। उनके बीच जागरूकता बढ़ानी होगी। तभी यह कार्यक्रम तेजी से सफलता होगा। यह कहना है उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के एडिशनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. हीरालाल का। वह होटल जेपी पैलेस में बुधवार को आयोजित राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (एनएसीपी) -5 के तहत आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम के लक्षित हस्तक्षेप परियोजना की क्षेत्रीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। 

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन ( नाको ) और उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी (यूपीएसएसीएस) की ओर से आयोजित बैठक में 16 राज्यों के एड्स नियंत्रण सोसायटी के अधिकारियों ने लक्षित हस्तक्षेप कार्यक्रम (टारगेटेड इंटरवेंशन प्रोग्राम) पर चर्चा की। बैठक में नाको के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. भवानी सिंह और नाको के राष्ट्रीय कंसल्टेंट शांतनु ने सभी का स्वागत किया। बैठक के पहले दिन टीआई के तहत रोकथाम गतिविधियों को मजबूत करने, नवाचार लाने और क्रॉस लर्निंग के लिए मंच प्रदान करने के लिए नाको के एडीजी डॉ. चिनमई दास, नै नाको के डीडीजी डॉ. अनूप कुमार पुरी, नाको के डॉ. यूबी दास, नाको की निदेशक निधि केसरवानी, नाको के एएस व डीजी आलोक सक्सेना, नाको की डीडीजी शोभिनी राजन ने मंथन किया। समरेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के संयुक्त निदेशक रमेश श्रीवास्तव ने बताया कि नाको के दिशानिर्देश के अनुसार एचआईवी/एड्स की हाई रिस्क कम्युनिटी जैसे फीमेल सेक्स वर्कर, ट्रांसजेंडर, सुई से नशा लेने वाले आदि लोगों को एड्स से रोकथाम के संबंध में सोसायटी द्वारा परियोजना के अंतर्गत नियमित जानकारी दी जाती है| जिसके के तहत उनकी स्क्रीनिंग और जांच कराई जाती है। यदि किसी में एचआईवी/एड्स की पुष्टि होती है तो उनका उपचार कराया जाता है। उन्होंने बताया कि इस तीन दिवसीय बैठक में वर्तमान में दी जा रही सुविधाओं और इन सुविधाओं को बेहतर करने के लिए 16 राज्यों से आए हुए राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के विशेषज्ञों द्वारा चर्चा करते हुए आगामी कार्य योजना का निर्माण किया जाएगा ।