मध्य प्रदेश की इंदौर मंडी में 26 अगस्त से 01 सितम्बर के दौरान चने के भावों में 10.52% यानि 505 रुपये प्रति क्विंटल की भारी गिरावट देखने को मिली। 26 अगस्त को चने का भाव 4,800 रूपये प्रति क्विंटल था, जबकि 01 सितम्बर को यह 4,245 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया। 

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पटौदी इंटरप्राइजेज एवं अलगोजा रिसोर्ट कीऔर से बूंदी वासियों को दीपावली की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं

देशभर की मंडियों में चने की आवक घटी है। त्यौहारी मौसम के चलते आनेवाले दिनों में बेसन लिए मांग बढ़ने की उम्मीद है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 26 अगस्त 2022 तक खरीफ दलहनी फसलों का कुल रकबा पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 4.95% घटकर 127.70 लाख हेक्टेयर पर आ गया है। अक्टूबर के मध्य से चने की बुआई शुरू होगी और यदि कीमतें एमएसपी से नीचे रहती हैं, तो किसान चने की जगह दूसरी फसलें उगाने को तवज्जो दे सकते हैं।

केंद्र सरकार द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में इस्तेमाल के लिए बफर स्टॉक से रियायती दरों पर 15 लाख टन चना जारी करने को मंजूरी दी गई है। आधिकारिक बयान के अनुसार विभिन्न राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों को 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर आपूर्ति करने वाले राज्य के निर्गम मूल्य पर 8 रुपये प्रति किलोग्राम की छूट पर 15 लाख टन चने के उठाव की पेशकश की गई है।

 केंद्र सरकार ने मूल्य समर्थन योजना के तहत वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के दौरान रबी मौसम में चने की रिकॉर्ड खरीद की है। इसकी वजह से सरकार के पास पीएसएस और पीएसएफ के तहत 30.55 लाख टन चना उपलब्ध है। मंडियों में अच्छी गुणवत्ता वाले चने की कमी है, इसलिए मिलें केंद्रीय पूल से चने की खरीद के प्रयास कर सकती हैं।

केंद्रीय पूल में पुराने स्टॉक की पर्याप्त उपलब्धता, कमजोर मांग और केंद्र द्वारा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को रियायती दरों पर चना जारी करने के चलते चने की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। अगले कुछ दिनों में चने की कीमतें 4500-4700 रुपए प्रति क्विंटल के दायरे में रह सकती हैं। हम किसानों को सलाह देते हैं कि वे मौजूदा बाजारभाव पर अपनी फसल बेच सकते हैं।