गुजरात दंगों के मामले में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को फंसाने की साजिश रचने की आरोपी तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत अर्जी का राज्य सरकार ने विरोध किया है.सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब में गुजरात सरकार ने कहा है कि तीस्ता के खिलाफ एफआईआर सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आधारित नहीं है, बल्कि उसके खिलाफ पुख्ता सबूत है. राज्य सरकार का कहना है कि तीस्ता ने बाकी आरोपियों के साथ मिलकर एक राजनीतिक पार्टी के वरिष्ठ नेता के इशारे पर साजिश रची थी. तीस्ता ने उस राजनेता से कई बार मुलाक़ात की और इसके एवज में उसे काफी पैसा भी मिला था.

'दंगों के एक हफ्ते के अंदर सियासी नेताओं से मुलाक़ात की'

गुजरात सरकार का कहना है कि गवाहों के बयान से ये साफ है कि ये पैसा दंगा पीड़ितों के राहत कार्य के लिए नहीं था. राज्य सरकार के मुताबिक गवाहों ने बताया है कि गुजरात दंगों के एक हफ्ते के अंदर तीस्ता अहमदाबाद पहुंची और वहां उसने बाकी आरोपियों और सियासी नेताओं से मुलाक़ात की. मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए गए दो गवाहों के बयान से साफ है कि ऐसी ही एक मीटिंग दिल्ली में भी हुई, जिसमे तीस्ता और बाकी आरोपियों ने हिस्सा लिया. इस मीटिंग का मकसद निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए झूठे सबूत गढ़ना था.