इतना ही नहीं, इशारों ही इशारों में राजभवन को चेतावनी तक दे डाली. पत्र की शुरुआत में JMM ने कानून का हवाला दिया. फिर राजभवन की चुप्पी पर सवाल दागे. इसके साथ ही फैसले में देरी की वजह से हॉर्स ट्रेडिंग की आशंका भी जताई.
पत्र में जेएमएम ने आदिवासी कार्ड भी खेला और बीजेपी पर हमला बोला. कहा- झारखंड में एक गैंग चल रहा है और यहां आदिवासी मुख्यमंत्री होने की बात किसी को पच नहीं रही है. साथ ही चेतावनी भी दी कि झारखंड हक के लिए झुकाना भी जानते हैं. आखिर में राज्यपाल को संविधान को जिम्मेदारी को बोध भी कराया.