संवाद सूत्र, अंबा (औरंगाबाद) : प्रखंड के गरीबों को पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। गरीब खुले आसमान के नीचे तंबू तानकर रहने को विवश हैं।मुख्य कारण, संपन्न व्यक्ति पक्का मकान वाले इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। योजना का सर्वेक्षण करने की जिम्मेदारी आवास सहायकों की होती है। लाभुकों की सूची तैयार करने के लिए मोटी राशि उगाही करते हैं। इसके लिए उनके द्वारा हर संबंधित क्षेत्र में बिचौलिए रखे जाते हैं।
बिचौलिए हीं लोगों को बरगलाकर राशि की वसूली करते हैं। इस दौरान जितने लोगों से पैसा लिया गया उसमें से अगर 25 लोगों का आवास मिल गया तो उनकी वाहवाही होती है। इसी बहाने अगले बार में आस पड़ोस के अन्य लोगों से भी उन्हें मोटी कमाई हो जाती है। हालांकि कभी-कभी उन्हें रुपये लौटाने को विवश होना पड़ता हैं।
बड़ी बात यह है कि कच्चा आवास सत्यापन कर लाभुकों से शपथ पत्र लेने व स्वयं शपथ पत्र देने की जवाबदेही आवास सहायकों की है। इसके बावजूद वे बेहिचक अनदेखी करते हैं। कुटुंबा प्रखंड के भरौंधा पंचायत में गड़बड़ी करने के मामले में सहायक को बर्खास्त किया गया है। दाउदनगर के अपर एसडीएम ने सुही पंचायत के आवास सहायक को तुरता टोले नोनिया बिगहा गांव के लाभुकों से अवैध राशि वसूलने के मामले में फटकार लगाई थी।
इसके साथ हीं मटपा के आवास सहायक को ग्रामीण ने जमकर पिटाई की थी। इसके बाद भी घूसखोरी का मामला थम नहीं रहा है। सुही गांव के छोटू बैठा, खपिया के अर्जुन पासवान, मोहरमानी कुवंर, श्रीराम मिस्त्री एवं शैलेश विश्वकर्मा ने जिला उपविकास आयुक्त का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए समस्या से निजात दिलाने की मांग की है।क्या बताते हैं बीडीओबीडीओ चंद्रभूषण गुप्ता कहते हैं कि जिस गरीब व्यक्ति का कच्चा मकान है उसके पास गाड़ी नहीं है, एक एकड़ से अधिक जमीन नहीं है उसे पीएम आवास योजना का लाभ दिया जाना है। सर्वे में जो गड़बड़ी हुई है वह पहले की है। वर्तमान में अनियमितता बरतने वाले सहायक चयन मुक्त होंगे। इसके लिए सक्षम पदाधिकारी को लिखा जाएगा।