इंदौर का कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय (इंदौर चिड़ियाघर) अब भारत का पहला 'जीरो वेस्ट' चिड़ियाघर बनने की ओर अग्रसर है। यह पहल शहर की स्वच्छता और पर्यावरणीय जिम्मेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
♻️ जीरो वेस्ट पहल की मुख्य विशेषताएँ:
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ऑन-साइट कचरा प्रबंधन: चिड़ियाघर में प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले लगभग 500 किलोग्राम कचरे को परिसर के भीतर ही संसाधित किया जाएगा। इसमें खाद्य अवशेष, बागवानी कचरा और सूखा कचरा शामिल हैं। कचरे को सात श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा और पुनः उपयोग के लिए भेजा जाएगा।
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नाडेप पिट तकनीक: हरी कचरे को जैविक खाद में परिवर्तित करने के लिए नाडेप पिट तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिसका उपयोग चिड़ियाघर के उद्यानों में किया जाएगा।
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कलात्मक पुनः उपयोग: उत्पन्न कचरे से कलात्मक वस्तुएं बनाई जाएंगी, जो चिड़ियाघर में प्रदर्शित की जाएंगी।
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कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) सहयोग: यह पहल Godrej Products Limited के CSR कार्यक्रम के तहत समर्थित है, जो वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। साथ ही, Feedback Foundation चिड़ियाघर के कर्मचारियों को प्रशिक्षण और निगरानी में सहायता करेगा।
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ISO प्रमाणन: इस पहल के सफल कार्यान्वयन के बाद, चिड़ियाघर को 'जीरो वेस्ट' के रूप में ISO प्रमाणन प्राप्त होगा, जो इसकी पर्यावरणीय प्रतिबद्धता को मान्यता प्रदान करेगा।
यह पहल न केवल इंदौर के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनेगी, जो पर्यावरणीय संरक्षण और कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाएगी।
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