आज का युग डिजिटल युग है। हम बैंकिंग, शॉपिंग, सोशल मीडिया और यहां तक कि डॉक्यूमेंट भी ऑनलाइन कर चुके हैं। लेकिन जहां तकनीक ने हमें सुविधा दी है, वहीं साइबर अपराधों ने भी तेज़ी से अपने पैर पसारे हैं।

साइबर फ्रॉड यानी इंटरनेट के ज़रिए ठगी करना — ये कभी फर्जी कॉल्स के ज़रिए, तो कभी नकली वेबसाइट्स, SMS, या ऐप्स के ज़रिए हो सकता है।

⚠️ साइबर फ्रॉड के सामान्य तरीके:

  1. फेक कॉल्स (Fake Calls) – बैंक अधिकारी बनकर OTP, कार्ड नंबर या UPI PIN पूछना।

  2. फिशिंग ईमेल/SMS – नकली लिंक भेजकर आपकी पर्सनल जानकारी चुराना।

  3. फर्जी ऐप्स – दिखने में असली लगने वाले ऐप्स से डेटा चोरी।

  4. QR कोड स्कैम – पैसे मंगवाने के नाम पर आपको QR स्कैन करने को कहा जाता है, और पैसा कट जाता है।

  5. सोशल मीडिया हैकिंग – आपके अकाउंट से लोगों से पैसे मांगे जाते हैं।


🛡️ कैसे बचें साइबर ठगी से?

✅ 1. OTP और PIN किसी से साझा न करें

बैंक, UPI ऐप या कोई सरकारी संस्था कभी OTP या PIN नहीं मांगती। कोई भी मांगे – तुरंत सतर्क हो जाएं।

✅ 2. संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें

SMS, ईमेल या WhatsApp पर आए लिंक पर सोच-समझकर क्लिक करें। URL में कोई गलती दिखे तो खुलने से बचें।

✅ 3. QR कोड स्कैन करने से पहले सोचें

ध्यान रखें: QR स्कैन से पैसा भेजा जाता है, मिलता नहीं! किसी अनजान QR कोड को स्कैन न करें।

✅ 4. सुरक्षित ऐप्स का ही इस्तेमाल करें

Play Store या App Store से ही ऐप डाउनलोड करें। किसी भी संदिग्ध ऐप से बैंक डिटेल्स न भरें।

✅ 5. सोशल मीडिया पर सावधानी बरतें

किसी भी अंजान फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार न करें, और अपनी पर्सनल जानकारी शेयर न करें।

✅ 6. फोन या कंप्यूटर में एंटीवायरस रखें

अच्छा एंटीवायरस सॉफ्टवेयर रखें और समय-समय पर स्कैन करें।


🏃 क्या करें अगर आप साइबर ठगी का शिकार हो जाएं?

  • तुरंत helpline 1930 पर कॉल करें (साइबर फ्रॉड रिपोर्ट करने का सरकारी नंबर)

  • https://www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें

  • अपने बैंक को तुरंत सूचित करें

  • पासवर्ड बदलें और संबंधित ऐप्स को logout करें


🙏 जागरूक रहें, सुरक्षित रहें!

साइबर ठग दिन-ब-दिन नए तरीके निकालते हैं। आपकी थोड़ी सी समझदारी और सतर्कता आपको बड़ी ठगी से बचा सकती है। इस लेख को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों के साथ साझा करें और साइबर सुरक्षा की चेन को मज़बूत बनाएं।