प्रियंका गाँधी की गोद में नजर आ रही राजस्थान की आदिवासी बेटी उर्वशी का विवाह
बूंदी के कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा  ने खैरवाड़ा पहुंचकर किया कन्यादान
रूस में हुयी थी पिता की मृत्यु, 7 माह बाद भारत आयी थी दिवंगत देह
बूंदी। तीन वर्ष पहले रूस में मृत राजस्थान के निवासी भारतीय नागरिक हितेंद्र गरासिया की बेटी उर्वशी का विवाह गत दिनों रविवार को खैरवाड़ा के गोड़वा गाँव मे  गुजरात विजयनगर के डॉ जितेंद्र खराड़ी से सम्पन्न हुआ। उर्वशी का विवाह सामाजिक सरोकार व सहयोग का प्रतीक बन गया।जिसमे विदेश में संकटग्रस्त भारतीयों की सहायता के लिये कार्य करने वाले बूंदी के कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने सपरिवार गोड़वा गाँव पहुंचकर उर्वशी का विधिवत संकल्प के साथ कन्यादान किया।


जब प्रियंका गाँधी ने गोद बैठाकर पोंछे थे उर्वशी के आँसू
उल्लेखनीय है कि रोजगार के लिये रूस गये राजस्थान के उदयपुर जिले के गोड़वा गाँव के रहने वाले भारतीय नागरिक हितेंद्र गरासिया की जुलाई 2021 को रूस में म्रत्यु हो गयी थी और उनकी दिवंगत देह कोमॉस्को के कब्रिस्तान में दफना दिया गया था।पीड़ित परिवार की आवाज को उठाते हुये बूंदी के चर्मेश शर्मा ने स्व.हितेंद्र गरासिया की दिवंगत देह को भारत लाने के लिये आखिर तक लम्बा संघर्ष किया था। स्व. हितेंद्र गरासिया की बेटी उर्वशी गरासिया उस समय एआईसीसी सचिव धीरज गुर्जर के साथ कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गाँधी से मिली थी और प्रियंका गांधी ने उर्वशी को गोद मे बैठाकर उसके आँसू पोछे थे।दिवंगत देह को भारत लाने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मार्मिक पत्र लिखा था।जिसके बाद कार्यवाही में तेजी आयी थी। लम्बे संघर्ष के बाद मृत्यु के 7 माह बाद मॉस्को का कब्रिस्तान खोदकर हितेंद्र गरासिया की दिवंगत देह को भारत लाया गया था।जब स्व.हितेंद्र गरासिया के पुत्र पीयूष गरासिया के साथ बूंदी के चर्मेश शर्मा ने अंतिम संस्कार किया था।  
दुल्हन को मण्डप तक पहुंचाने की रस्म निभायी
 मेवाड़ वागड़ के गरासिया समाज में विवाह के अवसर पर दुल्हन को उसके मामा के द्वारा मंडप तक  जाकर दूल्हे के पास ले जाने की परंपरा है। उर्वशी के मामा के रूप में शर्मा ने इस परंपरा को निभाया।उवर्शी के कन्यादान का संकल्प भाई पीयूष गरासिया व बूंदी के चर्मेश शर्मा ने धर्मपत्नी पल्लवी शर्मा के साथ लिया।
सामाजिक सरोकार का प्रतीक बना विवाह
सभी को पता था कि उर्वशी के पिता नहीं है और परिवार की आर्थिक स्थिति भी दयनीय है।ऐसे में गरीब परिवार की बेटी की शादी की सारी व्यवस्थाओं को रिश्तेदार व गरासिया समाज के लोगो ने आपस मे बांट लिया और एक बेटी को पिता की कमी महसूस नहीं होने दी।कुवैत में काम करने वाले उमेश गरासिया ने अपने पिता मोहनलाल गरासिया की प्रेरणा से भोजन की सारी व्यवस्था की जिम्मेदारी ले ली तो चर्मेश शर्मा व उनके मित्रगणों ने विवाह के टेंट,मण्डप की जिम्मेदारी के साथ कन्यादान में रेफ्रिजरेटर, एलईडी टीवी,सोने व चांदी के आभूषण भेंट किये।नटवर गरासिया ने डीजे की जिम्मेदारी ली तो स्व.हितेंद्र गरासिया के भारतीय फौज में तैनात दोनो दामाद खड़े रहकर सारी व्यवस्था सम्हालते रहे।
ऐसे परिवारों की मदद को आगे आये
विदेश में संकटग्रस्त भारतीयों की सहायता के लिए कार्य करने वाले राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक बूंदी के चर्मेश शर्मा ने कहा कि यह बहुत दु:खद स्थिति है कि  रोजगार की आस में एजेंटो के जाल में फंसकर गरीब परिवार के लोग  विदेश चले जाते हैं और वहां पर उनको ऐसे काम में लगा दिया जाता है की उनकी मृत्यु हो जाती है। ऐसे में उनके पीड़ित परिवारों के पास जीवन भर आँसू बहाने के अलावा कोई चारा नही रहता है।परिवार की जीविकोपार्जन के साथ बेटे बेटियों की शिक्षा व बड़े होने पर बच्चों का विवाह भी बहुत बड़ी चुनौती होता है।शर्मा ने कहा कि हम सभी को दुख के समय पर ऐसे परिवारों की मदद करनी चाहिये। शर्मा ने कहा कि यह उनका संकल्प है कि वह जीवन भर उनसे जो भी हो पायेगा ऐसे पीड़ित परिवारों की मदद करते रहेंगे।