जीवन मे श्रद्धा विश्वास व संयम बहुत आवश्यक है: आचार्य ऋतुराज
थर्मल कॉलोनी स्थित श्रीराम मंदिर प्रांगण में सोमवार को शिव महापुराण कथा प्रारम्भ हुई। जिसकी शोभायात्रा थाने के सामने माताजी के मंदिर से प्रारंभ हुई। शिव पुराण की शोभायात्रा बेंड बाजे के साथ भजनों का आनंद लेते हुए निकाली गई। सर्वप्रथम विप्रो द्वारा वैदिक मंत्रों के साथ भगवान गणेश का पूजन किया गया।
समस्त ग्राम वासियों ने 101 गंगा जल कलश की पूजा की तथा ध्वजा पताकाओं का पूजन कर उत्साह के साथ शोभायात्रा में भाग लिया।
कथा व्यास आचार्य ऋतुराज शर्मा ने कथा महात्म्य में बिंदुक चंचुला प्रसंग सुनाते हुए बताया कि पति बिंदुक के पतन के कारण चंचुला भी पथ भ्रष्ठ हो गई, लेकिन जीवन के अंतिम समय मे सुनी हुई कथा से चंचुला की सद्गति हो गई। कथा मनुष्य के अंधकार रूपी जगत में सूर्य के समान प्रकाश करने का कार्य करती है। जिससे व्यक्ति उचित अनुचित कार्यों के भेद को समझने में सक्षम होता है ।
श्रोता वक्ता के भेद बताते हुए कथा व्यास ने बताया कि कथा सुनने के लिए जीवन मे श्रद्धा विश्वास व संयम बहुत आवश्यक है तब कथा श्रवण पुष्ठ होता है।
भक्ति सूत्र बताते हुए कथा व्यास ने बताया कि भगवान के भजन से दुखों का भञ्जन होता है इसलिए भगवान का भजन अवश्य करना चाहिए ।
कथा के उपरांत आरती हुई जिसमे गोपाल शर्मा , राजेश्वरी देवी , अमित शर्मा , अपूर्वा शर्मा , चेतन गौतम एवम सभी भक्तों ने भाग लिया की तथा प्रसाद वितरण किया ।