यूरोपीय संघ (EU) के नियम लागू हो गए हैं जिसके अनुसार सभी नए स्मार्टफोन टैबलेट और कैमरों के लिए एक ही सी-टाइप चार्जर का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया गया है। बता दें इन नियमों को 2022 में मंजूरी मिली थी। लेकिन उस वक्त एपल ने इसका विरोध किया था। हालांकि अब एपल ने भी अपने डिवाइस में टाइप सी चार्जिंग पोर्ट देना शुरू कर दिया है।

 यूरोपीय संघ (EU) के चार्जिंग पोर्ट को लेकर नए नियम 28 दिसंबर से लागू हो गए हैं। अब कई डिवाइस के लिए सी-टाइप चार्जर का इस्तेमाल करना अनिवार्य कर दिया गया है। नियम के अनुसार, नए स्मार्टफोन, टैबलेट और कैमरों के लिए एक ही चार्जर का उपयोग करना जरूरी हो गया है। ईयू ने कहा कि इससे लागत और ई-वेस्ट कम होगा। साथ में आम यूजर्स को राहत मिलेगी। आइए जानते हैं पूरी डिटेल।

नियम फॉलो करना जरूरी

अब ईयू के 27 देशों में बेचे जाने वाले डिवाइसों में यूएसबी-सी पोर्ट लगाना सभी कंपनियों के लिए जरूरी हो गया है। यूरोपीय संघ द्वारा इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चार्ज करने के लिए इस पोर्ट को स्टैंडर्ड के रूप में चुना गया है। यानी किसी भी हाल में मैन्यूफैक्चर्स को अपने डिवाइस में यह पोर्ट शामिल करना ही होगा।

डिवाइस में यूएसबी टाइप-सी अनिवार्य

ईयू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि ईयू यानी 27 देशों में बेचे जाने वाले सभी नए मोबाइल फोन, टैबलेट, डिजिटल कैमरे, हेडफोन, स्पीकर, कीबोर्ड और कई अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स को यूएसबी टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट से लैस करना होगा। ईयू ने कहा है कि एक चार्जर नियम लोगों के जीवन को आसान बनाएगा। इससे काफी हद तक जीवन सरल हो जाएगा और इससे ई-वेस्ट भी बहुत कम होगा। यूजर्स को हर डिवाइस के लिए चार्जर खरीदने में पैसे नहीं खर्च करने होंगे।