कड़ाके की सर्दी और शीत लहर की संभावना को देखते हुए सीएमएचओ ने जन साधारण से बचाव के उपाय अपनाने और एहतियात बरते की अपील की है। उन्होने बताया कि शहर सहित जिलेभर में सर्दी अब जोर पकड़ने लगी है। ऐसे में बचाव के पर्याप्त साधन व उपाय अपनाना जरूरी है। 

*शीतलहर से प्रभावित रोगियों के लक्षण*: - शरीर का ठण्डा पड़ जाना, शरीर का सुन्न पड़ना, नाड़ी का धीमा व मन्द पड़ जाना, रोये खड़े हो जाना व श्वसन तेज चलना आदि होते है। रोगी द्वारा समय पर उपचार नहीं लेने पर रोगी की मृत्यु भी हो सकती है।

*बचाव के उपाय*:- जहां तक हो सके घर के बाहर कार्य के लिए दिन में निकल, स्वंय को व बच्चों को उपलब्ध ऊनी कपड़ों से ढके, फुटपाथ पर रहने वाले भ्रमणशील जातियां, जैसे भिखारी, गाड़ियालुहार आदि रात्रि में रेन बसेरा, सार्वजनिक भवन, धर्मशालाकों में रहें, खुले स्थान पर न सोएं, रात्रि में बाहर कार्य करना या रहना जरूरी हो तो अपने पास अंगीठी, आवश्यक लकड़ी व कूड़ा करकट जलाकर अलाव लगाकर तापने की व्यवस्था करें, शीतलहर में अधिकतर गर्म भोजन का सेवन करें और खाद्य पदार्थ जैसे गुड़, तिल, चिकनाई, चाय, कॉफी आदि का सेवन करें, शारीरिक श्रम अधिक करें, हो सके तो सुबह व्यायाम करें। तेल की मालिश करें, जिस व्यक्ति को शीत/ शीतलहर का प्रभाव पड़ जाये उसे तत्काल कम्बल, रजाई आदि से ढकें, पास में अंगीठी, हीटर आदि जलाये। कमरे में ताजा हवा का रास्ता बन्द न करें, गर्म पेय पदार्थ गुड़, चाय, चिकनाई (घी), कॉफी, तेल का अधिक उपयोग करें, गर्म पानी की थैली उपलब्ध हो तो उससे सेक करें। बाद में पास के चिकित्सालय में दिखाये, जहां तक हो सके गर्म पानी से नहाएं, शीत/शीतलहर से प्रभावित होने पर व्यक्ति को शीघ्र ही नजदीकी चिकित्सा संस्थान में उपचार के लिए लेकर जाएं।