अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका दायर होने के बाद बयानों की जंग शुरू हो गई है। पूर्व उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह को लेकर कोर्ट ने जो आदेश दिए हैं, अभी एडमिशन की स्टेज पर है। केवल नोटिस जारी किए गए।अजमेर एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए राठौड़ ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार हर भारतीय को कोर्ट में दावा पेश करने का राइट दिया गया है। दावा पेश करने पर कोर्ट ने पक्षकारों से जवाब मांगा है। इसके लिए नोटिस दिए गए हैं। अभी एडमिशन भी नहीं हुआ है और यह मामला चाय के प्याला में तूफान जैसा है। इस बात को आगे नहीं बढाना चाहिए। कोर्ट का जो भी निर्णय होगा वह सब को मनाना चाहिए।पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने राजस्थान सरकार की 1 वर्ष के कार्यकाल की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार ने हाल ही में आयोजित कैबिनेट बैठक में धर्मांतरण कानून बनाकर सराहनीय काम किया है, इससे धर्मांतरण पर रोक लगेगी। वहीं कई नीतिगत फैसले इस बैठक के दौरान लिए गए हैं, जिससे राजस्थान के विकास को गति प्रदान होगी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वन स्टेट वन इलेक्शन के जरिए पंचायत राज के इलेक्शन करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कैबिनेट के विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री अपना निर्णय लेंगे ।